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गंगा प्रदूषण को लेकर दाखिल राजेन्द्र सिंह की याचिका खारिज, कोर्ट ने दी नसीहत
कोर्ट ने कहा, जो व्यक्ति कोर्ट के सामने आकर हलफनामा दाखिल नहीं कर सकता और अलवर से बैठकर जनहित याचिका दाखिल कर रहा है वह गंगा की सफाई क्या करेगा। याचिका में राज्य सरकार को गंगा को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश जारी करने की मांग की गयी थी।
प्रयागराज: मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त राजेन्द्र सिंह व अन्य की गंगा प्रदूषण को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें नसीहत दी है। कहा है कि, बिना किसी दस्तावेजी साक्ष्य के वह कैसे कह सकते हैं कि उत्तराखंड से लेकर प्रयाग तक गंगा का पानी पीने के लायक नहीं है। यह भी कहा कि, यदि याची सामाजिक कार्यकर्ता हैं तो उन्होंने गंगा की स्वच्छता के लिए क्या कदम उठाए यह भी बताना चाहिए।
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कोर्ट ने कहा, जो व्यक्ति कोर्ट के सामने आकर हलफनामा दाखिल नहीं कर सकता और अलवर से बैठकर जनहित याचिका दाखिल कर रहा है वह गंगा की सफाई क्या करेगा। याचिका में राज्य सरकार को गंगा को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश जारी करने की मांग की गयी थी।
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कोर्ट की नसीहत के बाद याचिका वापस ले ली गयी इसलिए कोर्ट ने हर्जाना तो नहीं लगाया लेकिन याचिका खारिज कर दी। याचिका पर चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सीडी सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि, याचीगण चाहें तो नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल जा सकते हैं। कुंभ मेला नजदीक है इसलिए बिना साक्ष्य के दाखिल जनहित याचिका पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
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