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Rajnath Singh Biography In Hindi: पार्टी में हर पद को संभाला, बन गए बीजेपी के 'नाथ' 

Rajnath Singh Biography In Hindi: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बीजेपी के ऐसे नेता है, जिन्होंने पार्टी के कई पदों का कार्यभार संभाला है। चलिए एक नजर डालते है इनके राजनीतिक करियर पर...

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Written By amanPublished By Chitra Singh
Published on: 15 Sep 2021 3:47 AM GMT (Updated on: 15 Sep 2021 3:57 AM GMT)
Rajnath Singh Biography
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राजनाथ सिंह (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Rajnath Singh Biography In Hindi: राजनाथ सिंह देश के जाने-माने राजनेता हैं। वर्त्तमान में ये केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Sarkar) में रक्षा मंत्री (Rajnath Singh Raksha Mantri) हैं। इससे पूर्व मोदी सरकार के पहले कार्य में वे गृह मंत्री (Home Minister) थे। इससे पहले दो बार भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। साल 2000 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसके अलावा और न जाने कितने ही पद और जिम्मेदारी राजनाथ सिंह को सौंपी गई, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।

राजनाथ सिंह का जीवन परिचय (Rajnath Singh ka Jivan Parichay)- राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई, 1951 को वाराणसी (अब के चंदौली जिले) के भभौरा गांव के एक राजपूत परिवार में हुआ था। इनका परिवार मूलतः किसानी का काम करता था। उनके पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी था। राजनाथ सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से ही पूरी की। उसके बाद आगे की शिक्षा के लिए वो गोरखपुर आ गए। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी (फिजिक्स) में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की। उसके बाद साल 1971 में मिर्जापुर के के.बी. डिग्री कॉलेज में वह प्रोफेसर नियुक्त हुए।

13 साल की उम्र में ही जुड़े आरएसएस से (Rajnath Singh RSS)

राजनाथ सिंह का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ाव 13 वर्ष की छोटी उम्र में ही हो गया था। साल 1972 में उन्हें मिर्जापुर के शाखा कार्यवाह बना दिया गया। इसके दो साल बाद ही यानि 1974 में राजनाथ सिंह राजनीति में आए। 1969-71 के बीच उन्हें गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का संगठनात्मक सचिव बनाया गया था। जल्द ही, 1972 में आरएसएस की मिर्जापुर शाखा के महासचिव बनाये गए।

राजनाथ सिंह का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

राजनाथ सिंह का राजनीतिक करियर (rajnath singh ka rajnitik career)

1977 में पहली बार विधायक बने

1975 में 24 वर्ष की छोटी आयु में ही राजनाथ सिंह को जनसंघ (बीजेपी की पूर्ववर्ती) की मिर्जापुर इकाई का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया। यह दौर था जब देश में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार की नीतियों के विरोध में जेपी आंदोलन चला था। जयप्रकाश नारायण के विचारों से प्रभावित होकर राजनाथ सिंह इस मूवमेंट से जुड़ गए। जेपी आंदोलन से जुड़े होने और आपातकाल के विरोध में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। राजनाथ सिंह के दो साल जेल में गुजरे। अब राजनाथ सिंह राजनीतिक उठान पर थे।

वर्ष 1977 में वह मिर्जापुर से विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गए। अगर आप राजनाथ सिंह के पूरे करियर (rajnath singh career) पर नजर डालें तो इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1980 में राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। 1983 में इन्हें स्टेट सेक्रेटरी नियुक्त किया गया। इस दौरान इन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य भी नियुक्त किया गया।

समर्पण और निष्ठा को पार्टी ने सराहा

साल 1984 में राजनाथ सिंह को बीजेपी के यूथ विंग का स्टेट प्रेसिडेंट बनाया गया । 1986 में नेशनल जनरल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया। पार्टी ने उनके समर्पण, निष्ठा और मेहनत को हमेशा सम्मान दिया। बीजेपी में उनकी पदोन्नति अनवरत जारी रहा। 1988 में वो बीजेपी के नेशनल प्रेसिडेंट नियुक्त हुए।

शिक्षा मंत्री बनते ही नक़ल अध्यादेश लाये

1991 का यह वो दौर था जब राजनाथ सिंह को यूपी में कल्याण सिंह सरकार में जगह मिली। इन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। इस दौरान उन्होंने एंटी-कॉपिंग एक्ट यानि नकल अध्यादेश लाकर परीक्षाओं में नक़ल पर अंकुश पाने की कोशिश की ।.साथ ही पाठ्यक्रम में वैदिक गणित को भी शामिल किया गया। ये दोनों ही फैसले शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव के सूचक थे, जिसका श्रेय राजनाथ सिंह को जाता है। नकल अध्यादेश लागू होने का परिणाम भी दिखने लगा। अब परीक्षा में नकल करने वाले विद्यार्थियों को हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार किया जाने लगा था।

1994 में राजनाथ सिंह राज्यसभा के लिए मनोनीत हुए। 1997 में उन्हें उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी इकाई का अध्यक्ष बनाया गया। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (भूतल परिवहन) बनाया गया।

राजनाथ सिंह (फाइल फोटो- न्यूज ट्रैक)

कुशल मैनेजमेंट से बनाई सरकार

छह महीने मुख्यमंत्री रहने के बाद जब कल्याण सिंह के केवल दो महीने पुरानी सरकार से मायावती ने समर्थन वापस ले लिया तब राजनाथ सिंह ने कुशल मैनेजमेंट का परिचय दिया। उनकी कोशिशें रंग लायी। देखते ही देखते बसपा और कांग्रेस में टूट हो गयी। दो नए गुट सामने आए जिसने कल्याण सिंह सरकार को समर्थन दिया। आखिरकार कल्याण सिंह की सरकार बच गई। दरअसल, उस वक्त राजनाथ सिंह ने दोनों ही पार्टियों से राजपूत वोट तोड़ लिए थे । बाद में वो दौर भी आया जब साल 2000 में कल्याण सिंह के नाम पर सहमति नहीं बनी तो राजनाथ सिंह को यूपी का सीएम बनाया गया।

दो बार बने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (Rajnath Singh BJP president)

2005 तक में राजनाथ सिंह का कद और बढ़ गया। उन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। इस दौरान उन्होंने दक्षिण के राज्यों में भी पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश की। राजनाथ सिंह को 2009 में 15वीं लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद सीट से मैदान में उतारा गया। उन्हें जीत भी हासिल हुई। दूसरी बार 23 जनवरी , 2013 को राजनाथ सिंह को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। इसी कार्यकाल के दौरान वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही। बता दें कि राजनाथ सिंह अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के बाद तीसरे ऐसे नेता थे जिन्होंने दो बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त किया।

दो बार से लखनऊ सीट से जीत रहे चुनाव

2014 में पार्टी की शानदार जीत के बाद राजनाथ सिंह ने गृह मंत्री का पद संभाला। हालांकि तब उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस बार यानि साल 2014 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लखनऊ सीट से लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे। एक बार फिर 2019 में भी राजनाथ सिंह इसी सीट से जीतकर सांसद (Rajnath Singh MP lucknow) बने। वर्तमान सरकार में वो रक्षा मंत्री हैं।

सीएम योगी से बात करते राजनाथ सिंह (फाइल फोटो- न्यूज ट्रैक)

मुख्यमंत्री बनने की रोचक कहानी

तब राजनाथ सिंह की उम्र 24 साल थी। आपातकाल के दौरान विरोध प्रदर्शनों के चलते उन्हें भी जेल में बंद कर दिया गया था। यहां उनकी पहचान जनसंघ दौर के नेता रामप्रकाश गुप्त से हुई। रामप्रकाश गुप्त नेता तो थे ही उन्हें ज्योतिष विद्या का भी शौक था। बातों-बातों में उन्होंने राजनाथ सिंह के हाथों की लकीरें देखी। कहा, 'एक दिन तुम बहुत बड़े नेता बनोगे', मसखरी वाले अंदाज में राजनाथ सिंह ने भी हंसते हुए पूछ लिया कि कितने बड़े गुप्ता जी। जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक। किसे पता था कि एक दिन यह बात सच साबित होगी। सच मानिए, साल 2000 में जब कल्याण सिंह के यूपी सीएम के नाम पर सहमति नहीं बन रही थी तब यही रामप्रकाश गुप्त थे जिन्होंने विवाद टालते हुए राजनाथ सिंह का नाम आगे बढ़ाया।

जब अपने राज्यमंत्री को गिरफ्तार कराया

राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री रहते साल 2000 में पूर्वांचल के एक बड़े व्यापारी बेटे का अपहरण हुआ। अपहरणकर्ता उसे नेपाल ले जाने की तयारी कर रहे थे। तभी पुलिस ने राजनाथ सरकार के मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के कैंट सहित आवास पर छापा मारा और अपहृत व्यापारी पुत्र को बरामद कर लिया। अपनी ही सरकार के राज्यमंत्री की इस करतूत से राजनाथ बेहद खफा हुए। उन्होंने न सिर्फ अमरमणि त्रिपाठी को सरकार से बर्खास्त किया बल्कि उन्हें गिरफ्तार भी कराया।

व्यक्ति परिचय (Rajnath Singh Wiki)

  • नाम- राजनाथ सिंह
  • जन्म- 10 जुलाई 1951
  • पिता- राम बदन सिंह
  • माता- गुजराती देवी
  • पत्नी- सावित्री देवी
  • संतान- दो बेटे और एक बेटी
  • गांव- भभौरा, जिला- चंदौली
  • शिक्षा- गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में मास्टर्स डिग्री
  • 13 वर्ष की उम्र में ही आरएसएस से जुड़े
  • 1972 में आरएसएस की मिर्जापुर शाखा कार्यवाह बने
  • 1974 में राजनाथ सिंह राजनीति में आए
  • 1969-71 के बीच उन्हें गोरखपुर में एबीवीपी का संगठनात्मक सचिव बनाया गया
  • 1972 में आरएसएस की मिर्जापुर शाखा के महासचिव बनाए गए।
  • 1975 में आपातकाल के दौरान दो साल के लिए जेल गए
  • 1977 में वह मिर्जापुर से विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गए।
  • 1980 में राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए
  • 1988 में वो बीजेपी के नेशनल प्रेसिडेंट नियुक्त हुए
  • 1984 में बीजेपी के यूथ विंग का स्टेट प्रेसिडेंट बनाए गए
  • 1986 में नेशनल जनरल सेक्रेटरी नियुक्त किए गए।
  • 1991 में कल्याण सिंह सरकार में शिक्षा मंत्री बने
  • 1994 में राजनाथ सिंह राज्यसभा के लिए मनोनीत हुए।
  • 1997 में उन्हें उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी इकाई का अध्यक्ष बनाया गया।
  • 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।
  • 2000 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
  • 2005 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
  • 2009 में गाजियाबाद सीट से लोकसभा चुनाव जीता
  • 2013 में राजनाथ सिंह को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।
  • 2014 में लोकसभा चुनाव लखनऊ सीट से जीता
  • 2019 में भी राजनाथ सिंह लखनऊ सीट से ही सांसद हैं।
Chitra Singh

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