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Raju Pal Murder Case: राजू पाल हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई टीम कौशांबी पहुंची, तहसीलदार से ढाई घंटे तक की पूछताछ
Raju Pal Murder Case: अतीक के शूटर रहे अब्दुल कवी के बारे में कई सवाल किए गए, जिसमें प्रमुख रूप से यह पूछा गया कि अब्दुल के पुश्तैनी मकान को गिराए जाने की प्रक्रिया की जानकारी जांच एजेंसी को क्यों नहीं दी गई।
Raju Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड के बाद सीबीआई ने बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड की जांच तेज कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो का दो सदस्यीय जांच दल गुरुवार को मंझनपुर तहसील पंहुचा जहां टीम ने तहसील के अभिलेख में माफिया अतीक के शूटर अब्दुल कवी के खानदान की चल अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाया। सीबीआई टीम तहसील परिसर में करीब 3 घंटे तक रही। इस दौरान सीबीआई ने दस्तावेज भी खंगाले।
टीम ने चल-अचल संपत्ति के अभिलेख जुटाए
18 साल पहले प्रयागराज के सुलेम सराय इलाके में बसपा विधायक राजू पाल की निर्मम हत्या कर दी गई थी। राजूपाल हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई टीम गुरुवार को अचानक मंझनपुर तहसील पहुंची। दिल्ली से आये 2 अफसरों ने तहसीलदार भूपाल सिंह के चेंबर में करीब ढाई घंटे बैठक की और कई महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की।
तहसील सूत्रों के मुताबिक माफिया डान अतीक के शूटर रहे अब्दुल कवी के बारे में कई सवाल किए गए, जिसमें प्रमुख रूप से यह पूछा गया कि अब्दुल कवी के पुश्तैनी मकान को गिराए जाने की प्रक्रिया की जानकारी जांच एजेंसी को क्यों नहीं दी गई। इसके साथ ही अब्दुल कवी के खानदान की चल-अचल संपत्ति के राजस्व अभिलेख जुटाए गए।
संपत्ति से जुड़ी जानकारी मांगी
सीबीआई जांच दल ने तहसील के अभिलेखागार देखा। एसडीएम मंझनपुर से जमालपुर भखंदा एवं रकसराई गांव के भू-अभिलेख का ब्लू प्रिंट लिया। जिसमें शूटर अब्दुल कवी के पिता अब्दुल गनी, बाबा अब्दुल अजीज समेत पत्नी कनीज फातिमा, भाई अब्दुल वली, उसकी पत्नी फैजिया बानो, भाई अब्दुल कदीर, उसकी पत्नी बुशरा, भाई अब्दुल मुगनी, उसकी पत्नी शाहीन बानो ने राजू पाल हत्याकांड के बाद 2005 से लेकर अब तक खरीद फरोख्त का दस्तावेज की छाया प्रति कब्जे में ली।
तहसीलदार मंझनपुर भूपाल सिंह ने बताया, राजू पाल हत्याकांड की जांच कर रहे ब्ठप् के 2 अफसर जांच के लिए तहसील आये। जो कुछ जानकारी उन्होंने संपत्ति से जुड़ी जानकारी मांगी उन्हें उपलब्ध कराई गई है।