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Rajya Sabha: भाजपा के आठों उम्मीदवारों की जीत तय, मतगणना केवल यह बतायेगी कि सपा का हारेगा कौन?
Rajya Sabha Election 2024: लोकसभा के ठीक पहले होने वाले राज्य सभा के चुनाव ने विपक्षी चूलें हिला दी हैं। इस चुनाव में एक राज्य सभा उम्मीदवार के लिए 36.5 यानी 37 विधायकों के वोट चाहिए।
Rajya Sabha Election 2024: राज्य सभा के द्विवार्षिक चुनाव के नतीजे भले देर रात तक आयें। पर अपनी जीत के लिए जिस तरह भाजपा ने चौसर बिछाई है। इससे यह तो साफ़ है कि उसके सभी आठो उम्मीदवार जीतने में न केवल कामयाब होंगे बल्कि आठवाँ उम्मीदवार भी प्रथम वरीयता के वोट से ही जीत जाये तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। आठवें उम्मीदवार संजय सेठ की जीत तय है। अब मतगणना और नतीजे केवल यह तय करेंगे कि अखिलेश यादव का कौन उम्मीदवार हारेगा।
इस चुनाव के लिए भाजपा ने पहले सात और अखिलेश यादव ने तीन उम्मीदवार उतारे थे। अखिलेश को अपने तीनों उम्मीदवार जिताने के लिए केवल एक वोट की ज़रूरत थी। जबकि भाजपा के पास 29 विधायक अपने सभी सातों उम्मीदवारों को जिताने के बाद बाक़ी बच रहे थे। इस लिहाज़ से लगा था कि शायद उत्तर प्रदेश में चुनाव ही न हो। लेकिन अंतिम समय में संजय सेठ के रुप में आठवाँ उम्मीदवार उतार कर पूरे चुनाव को बहुत रोचक बना दिया। संजय सेठ के 38 से 40 तक वोट पाने के हालात बन गये हैं।
लोकसभा के ठीक पहले होने वाले राज्य सभा के चुनाव ने विपक्षी चूलें हिला दी हैं। इस चुनाव में एक राज्य सभा उम्मीदवार के लिए 36.5 यानी 37 विधायकों के वोट चाहिए।
यूपी विधानसभा में विधायकों की संख्या के हिसाब से दलगत स्थिति -
BJP- 252
SP- 108
AD (S)- 13
RLD- 9
Nishad Party- 6
SBSP- 6
Cong- 2
JS- 2
BSP- 1
Vacant- 4
NDA- 279 (RLD- 9 = 288)
SP+Cong- 110
BSP- 1
इनमें सपा के विधायक इरफ़ान सोलंकी , रमाकान्त यादव और सुहेल देव पार्टी के भी एक विधायक को जेल से आकर मतदान करने की अनुमित नहीं मिली। इस लिहाज़ से देखें तो भाजपा गठबंधन को अपने आठवें उम्मीदवार की प्रथम वरीयता में विजय के लिए केवल आठ विधायकों के वोट चाहिए था। ऐसे में आठवाँ उम्मीदवार उतारने की उसकी रणनीति बहुत सटीक कहीं जानी चाहिए।
कल अखिलेश यादव की डिनर डिप्लोमेसी में 7 विधायक शामिल ही नहीं हुए।
1- सपा से चायल विधायक पूजा पाल,
2- गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह
3- गोसाईगंज विधायक अभय सिंह,
4-अमेठी विधायक महाराजी देवी,
5- कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी,
6- ऊंचाहार विधायक मनोज पांडेय,
7- अंबेडकरनगर विधायक राकेश पांडेय
सपा की बैठक और डिनर में शामिल नहीं हुए।
इसके साथ ही राजा भइया के दो विधायकों ने भी भाजपा के आठवें उम्मीदवार के पक्षों मतदान का फ़ैसला सुना रखा है। ऐसे में भाजपा के सभी उम्मीदवारों की जीत मतदान के नतीजे आने से पहले तय हो गयी। यह ज़रूर है कि अखिलेश यादव के तीन उम्मीदवारों- जया बच्चन, आलोक रंजन और रामजी लाल सुमन में से कौन नहीं जीत पायेगा। यह तो मतगणना के बाद के चुनावी नतीजों से ही पता चलेगा। क्योंकि अखिलेश यादव ने अपने उम्मीदवारों की वरीयता तय नहीं की है। हर उम्मीदवार को 37-37 विधायक बाँट दिये हैं। क्रास वोटिंग करने वाले सबसे अधिक विधायक जिसके कोटे में एलाट होंगे वहीं हारेगा।
(लेखक: अर्थशास्त्र में डी.फिल.करने के बाद लेखक ने पत्रकारिता को प्रोफ़ेशन के तौर पर इसलिए चुना क्योंकि मिशन वाली पत्रकारिता का दौर ख़त्म हो गया था। तीस वर्षों में विभिन्न समाचार समूहों में हर पद पर काम कर चुके हैं। पत्रकारिता के हर टेक्सट व फ़ार्म- डेली अख़बार, पत्रिका, रेडियो, टीवी, ऑन लाइन मीडिया में काम का अनुभव। कविता की दो, अंग्रेज़ी भाषा की एक और पाँच अन्य पुस्तकें प्रकाशित। हिंदी संस्थान के मधुलिमए पुरस्कार से सम्मानित।)