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Bharatiya Kisan Union: राकेश टिकैत ने भारतीय किसान यूनियन में लागू किया ड्रेस कोड
Bharatiya Kisan Union: किसानो की लड़ाई लड़ने वाले संगठन भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संगठन में ड्रेस कोड लागू कर दिया है।
Bharatiya Kisan Union: किसानो की लड़ाई लड़ने वाले संगठन भारतीय किसान यूनियन ने अपना ड्रेस कोड लागू कर दिया है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ड्रेस कोड लागू करते हुए कहा है कि अब से पदाधिकारी या कार्यकर्त्ता किसी से मिलने जायेंगे, धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे या फिर संगठन की मीटिंग में जायेंगे तो अपना हरा गमछा (तौलिया) टोपी (पगड़ी) और बिल्ला पहनकर ही जायेगे जिससे उनकी पहचान बनी रहेगी।
दरअसल, आपको बता दें की भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 23 ऑक्टूबर को संगठन का ड्रेस कोड लागू करते हुए बाकायदा एक लेटर जारी कर दिया। टिकैत ने प्रदेशों पदाधिकारी और कार्यकर्ताओ को निर्देशित किया है की अब वह अगर कहीं भी किसी अधिकारी से मिलने ,किसी भी धरना प्रदर्शन या फिर संगठन की मीटिंग में जायेगें तो वह अपना हरा गमछा (तौलिया), टोपी (पगड़ी) और बिल्ला पहनकर ही जायेगें वरना नहीं जायेगें जिससे की उनकी अपनी पहचान बनी रहे।
इस बारे राकेश टिकैत ने एक वीडियो भी जारी किया है। जिसमें टिकैत ने कहा है कि भारतीय किसान यूनियन का एक ड्रेस कोड तय किया गया है। उन्होने कहा कि आप किसी भी मीटिंग में जाओ किसी अधिकारी से बातचीत करो संगठन की मीटिंग में जाओ तो अपना हरा गमछा टोपी बिल्ला साथ में जरूर रहना चाहिए जिससे एक आपकी पहचान बनी रहेय़। बहुत सी स्टेट में आप अगर साउथ में चले जाएं तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रा प्रदेश, इन जगह आप जाओगे तो देखोगे कि वहां के जो किसान संगठन के लोग हैं वह घर बाजार भी जाएंगे तो या शहरों में भी जाते हैं तो वह हरा गमछा अपना साथ रखते हैं। यहां पर भी सभी से अपील है कि वह हरा गमछा टोपी, पगड़ी और बिल्ला साथ में रखें और खास करके जब आप अधिकारी से बातचीत करो तो साथ में जरूर रहना चाहिए, जब आप अपनी मीटिंग में जाओ तो भी यह जरूर रहना चाहिए यही सभी से अपील है कि आप लोग इन सब चीजों पर ध्यान दें और आज गोवर्धन पूजा है, आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। गोवर्धन पूजा का आप लोग गोवर्धन पूजा करो और खेती किसानों के काम में लगें, हम भी आज अपने खेत में यहां पर आए हैं अबकी बार कीड़ा बहुत लगा है उसके लिए भी सरकार से बातचीत करेंगे कि कैसे इसका निपटारा हो फसलें कमजोर हैं अबकी बार सरकार को इस पर भी ध्यान देना चाहिए।