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रक्षाबंधन पर मायूस हुईं बहनें, सीएम योगी के फरमान की उड़ी धज्जियां
बाराबंकी: रक्षाबंधन के मौके पर भाइयों को राखी बांधने जाने वाली बहनों को यूपी सरकार ने रोडवेज बसों में फ्री सफर करने का तोहफा तो दिया लेकिन कुछ सरकारी बसों में कंडक्टरों की मनमानी के चलते उन्हें इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। बीते कुछ सालों से सरकार रक्षाबंधन के दिन बहनों को 24 घंटे के लिए फ्री यात्रा का तोहफा देती थी, लेकिन इस बार योगी सरकार ये अवधि 36 घंटे कर दी। जिसे सुनकर महिलाओं के चेहरे खिल उठे, लेकिन जब वह बस पर सफर करने के लिए चढ़ीं तो कंडक्टर उनसे किराए की मांग करने लगा। ऐसे में इस पावन मौके पर जहां एक ओर बहनें मायूस हुईं, वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के फ्री यात्रा कराने वाले आदेश की भी धज्जियां उड़ती नजर आईं।
बहनों को लगा झटका
दूरदराज रहने वाले भाइयों को राखी बांधने जाने वाली बहनों के मुफ्त सफर करने के सरकारी तोहफे को झटका लगा है। दरअसल कुछ सरकारी बसों के कंडक्टर मुख्यमंत्री के आदेश को हवा-हवाई साबित करने में लगे हैं। दरअसल बाराबंकी-लखनऊ-बाराबंकी जाने के लिए महानगर बस सेवा ने सरकार के आदेश को दरकिनार करते हुए महिला यात्रियों से भी किराया वसूल किया। हालांकि मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी बसों में आज महिलाओं के लिये फ्री में यात्रा कराने का आदेश जारी किया था।
मायूस हो बस से उतरीं बहनें
महानगर बस के कंडक्टर द्वारा किराया मांगने पर तमाम महिला यात्रियों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन कंडक्टर के न मानने पर उन महिला यात्रियों को बस से मायूस होकर उतरना पड़ा। इस दौरान बस के कंडक्टर और महिलाओं में नोंकझोंक भी हुई। जिसके बाद कंडक्टरों ने मुफ्त में सफर कराये जाने के ऐसे किसी भी आदेश से साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद महिला यात्रियों को थक हारकर आखिरकार बस से उतरना ही तोड़ा। अब ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जब यूपी सरकार ने महिला यात्रियों को रक्षाबंधन के दिन बस में फ्री सफर करने का तोहफा दिया है तो महानगर बस सेवा ने उनको इस फायदे से क्यों महरूम किया। क्या सरकार की तरफ से इन लापरवाह अधिकारियों और कंडक्टरों पर कोई कार्रवाई की जाएगी। ये एक बड़ा सवाल है।