TRENDING TAGS :
जिंदा महिला मृत घोषित: ये है लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल की हकीकत, मरीज अब स्वस्थ्य
यूपी की राजधानी लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML) का एक ऐसा मामला सामना आया है जिसने लापरवाही और बदइंतजामी की हद ही पार कर दी।
लखनऊ: कोरोना से लोगों की जिंदगियों खत्म हो रही हैं, किसी को ऑक्सीजन नहीं, तो किसी को बेड और इलाज नहीं मिल रहा है। लेकिन यूपी की राजधानी लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML) का एक ऐसा मामला सामना आया है जिसने लापरवाही और बदइंतजामी की हद ही पार कर दी। इस अस्पताल के लिए जिंदगी की मानों कोई कीमत ही नही रह गई।
महामारी की वजह से तो लोग मर ही रहे हैं, और वैसे भी लोगों की जिंदगी की कोई कद्र नहीं रह गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीज सुखरानी गौतम को मृत घोषित कर दिया। फिर मृत बताकर उनका शरीर परिवार वालों को सौंप दिया गया।
परिवार वाले देख के हैरान
परिवार मे मचे कोहराम के बीच जब घरवालों ने महिला के शरीर को देख तो सांसे चल रही थी। जिसके बाद परिवार वालें महिला को ऑक्सीजन लगाकर घर ले आए। घर से ही महिला का इलाज चल रहा है और महिला अभी स्वस्थ्य है।
ये हाल हैं योगी प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अस्पताल की। जहां मरीजों की जान की कोई कीमत ही नहीं रह गई है। लोग डॉक्टरों को भगवान समझ कर अपना मरीज सौंप देते हैं, वो ही मौत को बुला दे रहे हैं। महामारी में संकट के इस दौर में प्रशासन का ये किस तरह का इंतजाम है।
जिंदा लोगों की मृत बताया जा रहा है। इस बारे में मरीज के परिवार वालों में अस्पताल की गंदी करतूत का खुलासा किया है। उन्होंने उस पत्र को भी दिखाया है जो आरएमएल अस्पताल द्वारा मरीज को एक्सपायर्ड यानी मृत घोषित करते हुए दिया गया था।
देखें ये वीडियो...
लोहिया के डॉक्टरों ने जिंदा महिला का जारी कर दिया डेथ सर्टिफिकेट, सामने आया ये दिल दहला देने वाला ये वीडियो...#coronavirus #Lucknow #UttarPradesh #COVID19India pic.twitter.com/8X5lbilqf7
— Newstrack (@newstrackmedia) May 2, 2021
उत्तर प्रदेश में कोरोना के ताजा आकड़े के बारे में जानकारी देते हुए बता दें कि लगातार दूसरे दिन रविवार को कोरोना वायरस के सरकारी आंकड़े राहत देने वाले हैं। बीते 24 घंटे में एक्टिव केस में 5,667 की गिरावट आई। इसके बाद एक्टिव केस की संख्या तीन लाख से नीचे आकर 2,95,752 पर आ गया है।
वहीं शनिवार को एक्टिव केस में 8,950 केस कम हुए थे, लेकिन मौतों का सिलसिला नहीं थमा रहा हैं। 26 अप्रैल को मृत्यु दर 0.74 फीसदी थी, जो अब 30 अप्रैल से .95 फीसदी हो गई है।