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यूपी : आयोग अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया का मुकदमा समाप्त

एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष आगरा सांसद राम शंकर कठेरिया तथा 8 अन्य पर अचार संहिता के उलंघन के मामले में 30 जून 2011 को आगरा के थाना हरीपर्वत में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ज्ञानेंद्र सिंह द्वारा लिखाये गए मुकदमे को विधि के विरुद्ध मानते हुए विशेष जज एमपी एमएलए पवन कुमार तिवारी ने समाप्त कर दिया है।

Rishi
Published on: 30 April 2019 9:28 PM IST
यूपी : आयोग अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया का मुकदमा समाप्त
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प्रयागराज : एससी/एसटी आयोग के अध्यक्ष आगरा सांसद राम शंकर कठेरिया तथा 8 अन्य पर अचार संहिता के उलंघन के मामले में 30 जून 2011 को आगरा के थाना हरीपर्वत में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ज्ञानेंद्र सिंह द्वारा लिखाये गए मुकदमे को विधि के विरुद्ध मानते हुए विशेष जज एमपी एमएलए पवन कुमार तिवारी ने समाप्त कर दिया है।

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कोर्ट ने राम शंकर कठेरिया व 8 अन्य को उक्त मुकदमे से बरी कर दिया है। कठेरिया पर आरोप था कि 30 जून 2011 को स्पीड कलर लैब के सामने सैंकड़ों कार्यकताओं के साथ ज़िला अधिकारी द्वारा धारा 144 घोषित होने के बावजूद जुलूस निकाला और आचार संहिता का उलंघन किया। जिसमें विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया गया और अवर न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया गया।

आरोपी की ओर से 15 जुलाई 15 को प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि उक्त धारा में न्यायालय को संज्ञान लेने का अधिकार नही है। जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया। जिसके विरुद्ध दाखिल निगरानी को निस्तारित करते हुए निगरानी न्यायालय ने पत्रावली अवर न्यायालय को भेज दी थी जो सुनवाई के लिए इलाहाबाद आ गयी। जिस पर सुनवाई कर तथा अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता के विरोध के बावजूद न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के अंतर्गत उक्त धाराओं में प्रसंज्ञान नही लिया जा सकता।

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धारा 195 के अंतर्गत संबंधित धाराओं में लोक सेवक या जिसका वो प्रशासनिक रूप से अधिकृत हो के द्वारा परिवाद प्रस्तुत करने पर ही न्यायालय प्रसंज्ञान ले सकती है।न्यायालय ने यह भी कहा कि उक्त प्रकरण में यदि परिवादी चाहे तो परिवाद प्रस्तुत कर सकता है।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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