TRENDING TAGS :
यूपी: केंद्रांश नहीं मिलने से विकास को मिले 4732 करोड़ नहीं हो सके खर्च
प्रदेश में किसी निर्दोष का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। इसके लिए पीड़ित से पहले बात की जाए। उसके बाद उसे न्याय दिलाया जाए। घटनाओ में एसटीएससी नियमों के तहत समय से करवाई हो और कंपनसेशन समय से मिले। क्रॉस एफआईआर न हो। ये निर्देश राष्ट्रीय अनु
लखनऊ: कमोबेश सभी सियासी दल अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के हितों की पैरवी कर खूब तालियां बटोरते हैं। सरकारों ने जमीनी स्तर पर इस वर्ग के विकास के लिए कितना काम किया। आंकड़ों की जुबान में जब यह हकीकत सामने आती है तो हैरानी होती है। ताजा मामला यूपी का है, पिछले साल एससी समाज के विकास के लिए प्रदेश को मिली धनराशि में से 4732 करोड़ रूपये खर्च नहीं हो सके। इसकी वजह केंद्र से मिलने वाली धनराशि का नहीं मिलना है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया ने योजना भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह खुलासा किया।
प्रदेश में अपने दौरे के दौरान कठेरिया ने कहा कि एससी समाज के विकास के लिए दस विभाग करोड़ों की धनराशि नहीं खर्च कर पाए। इनमें बेसिक शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, पीडब्लूडी, ग्राम्य विकास जैसे अहम विभाग शामिल हैं। बेसिक शिक्षा विभाग 670 करोड़, पीडब्लूडी 1354 करोड़ और ग्राम्य विकास 1166 करोड़ रूपये नहीं खर्च कर सका। इस पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ से उनकी बात हुई है। उन्होंने कहा है कि वह मई में सभी अधिकारियों और कमीशन के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे।
यूपी में 200 गंभीर मामलों में चार्जशीट दाखिल नहीं
कठेरिया ने एससी /एसटी के पुलिस केसों के समय से निपटारा नहीं होने पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसे 200 गंभीर केस हैं, जिनमें अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। एससी/एसटी के मामलों में क्रास एफआईआर दर्ज नहीं होनी चाहिए। इससे पीड़ित पक्ष दबाव में आ जाता है और सरेंडर कर देता है। जिससे उसे न्याय नहीं मिल पाता है। यह भी संज्ञान में आया है कि कोर्ट से एफआईआर दर्ज होती है। उसमें पुलिस जांच करती है आंकड़ों देखें तो इसका भी बहुत अच्छा परिणाम नहीं आता है। आंकड़ों में बड़ी संख्या उन मामलों की है, जिसमें चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है।
मायावती दलित हितैषी नहीं
मायावती के आयोग को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि मायावती खुद दलित हितैषी नही हैं। यदि वह दलित हितैषी होती तो आज स्थिति कुछ और होती।
रावण को नहीं तो क्या राम को भेजेंगे जेल
पिछले साल सहारनपुर के जातीय दंगे के आरोप में जेल में निरूद्ध कथित दलित नेता रावण को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि रावण को जेल में ही रखा जाए राम को तो रखा नहीं जाएगा जो भी कानून हाथ में लेगा उसे जेल में रखा जाएगा। सबको कानून के दायरे में रहना है।
...यूं खोली विभागों के परसेंटेज भरपाई की पोल
राम शंकर कठेरिया ने विभागों के परसेंटेज भरपाई के खेल को उजागर करते हुए कहा कि यदि विभाग कहीं सभी वर्गों के लिए सड़क बना रहा है तो परसेंटेज की भरपाई के लिए पूरी की पूरी सड़क एससी के खाते में डाल देते हैं।
पाक्सो की घटना पर यूपी में कोई प्रावधान नहीं
कठेरिया ने कहा कि पाक्सो की घटना पर यूपी में कोई प्रावधान नहीं है जबकि अन्य प्रदेशों में सहायता का अलग से प्रावधान है। यह घटना चाहे किसी जाति के व्यक्ति के साथ हो पर सहायता का प्रावधाना होना चाहिए।
मृतकों को नहीं मिली सहायता
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है कि सीवर के काम में मृत परिवारों को दस लाख सहायता, आवास और बच्चों को स्नातक तक फ्री शिक्षा दी जाए। अभी राजधानी में अपने दौरे के दौरान मिले लोगों ने उन्हें बताया कि ऐसे मामलों में दस लोगों की मौत हो चुकी है। पर उन्हें अब तक कोई सहायता नहीं मिली है। मैंने ऐसे लोगों की लिस्ट मांगी है।
Next Story