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सोने का हो अयोध्या में राम मंदिर: डाॅ. मोदी

भारतीयों का विश्वबंधुत्व का दर्शन विश्व को प्रेम से जोड़कर एकीकृत करने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर आस्था का विषय है और यह अब पूरे विश्व का मुद्दा बन चुका है।

Dharmendra kumar
Published on: 2 Feb 2019 3:14 PM IST
सोने का हो अयोध्या में राम मंदिर: डाॅ. मोदी
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आशीष पाण्डेय, प्रयागराज: युगों से भारत विश्व गुरू, आध्यात्म और सांस्कृतिक धरोहर रहा है और इसे पुनः स्थापित करने के लिए हमारे हिन्दू धर्म के आराध्य भगवान राम के मंदिर को सोने का बनाने के लिए विश्व हिंदुत्व को एक एक कर सोना इकट्ठा करने का संकल्प लेने के लिए कुंभ में आए प्रसिद्ध उद्योगपति और आस्था कुंज के संस्थापक अध्यक्ष डा. बीके मोदी ने कही।

डाॅ. मोदी सिंगापुर और विश्व में डा. एम के नाम से प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए विदेशों में रहने वाले भारतीय हिन्दुओं को आगे लाने के लिए विश्व यात्रा करेंगे और दुनिया भर से सोना इकट्ठा कर विश्व की भव्यतम स्वर्ण श्री राम मंदिर का संकल्पना को पूर्ण करने में योगादान निभाने के लिए कुंभ में संतों का आशीर्वाद लेने आए है।

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उन्होंने कहा कि अब आवश्यकता है कि भारतीय मूल के सभी हिन्दूओं को कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करने की, ताकि ऐसे भव्य स्वर्ण मंदिर का निर्माण किया जा सके जो विश्व भर में अपनी चमक बिखेरे और विश्व शांति के लिए भारत को विश्व गुरू बनाने का सपना साकार हो। विगत कुछ ही दशकों में हमारी नई पीढ़ियों में सांस्कृतिक रूप से भारी नकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है जो कि हिंदुत्व और भारतीयता और विश्व शांति के लिए बहुत चिंतरणीय है। इसे देखते हुए हमारी आने वाली पीढ़ी को हमारी सांस्कृतिक विरासत और आस्था के धरोहर भगवान श्री राम के स्वर्ण मंदिर से उन्हें पुनः गौरवान्वित करने का वैभव प्राप्त हो।

उन्होंने कहा कि आस्था कुंज का उद्देश्य है कि विश्व भर में भारत का स्थान ग्लोबल लीडर के रूप में विख्यात हो। हिन्दुत्व की संस्कृति पूरे विश्व का दर्शन हो और विश्व शांति, समरसता, विश्वबंधुत्व के संदेश को स्थाई रूप से स्थापित किया जा सकेगा। सम्पूर्ण भारत में आध्यात्मिक चेतना फैलाने के लिए भारत महती सक्षम है। विश्व का आध्यात्मिक विकास ही विश्व शांति स्थापित कर सकता है।

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भारतीयों का विश्वबंधुत्व का दर्शन विश्व को प्रेम से जोड़कर एकीकृत करने में सफल होगा। उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर आस्था का विषय है और यह अब पूरे विश्व का मुद्दा बन चुका है। यह अब पूरे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा से जुड़ चुका है। इसलिए विदेशों में रहने वाले हम भारतीय मूल के लोगों को आर्थिक सहायता करके इस मंदिर को भव्य स्वर्ण राम मंदिर का निर्माण में सहयोग करना चाहिए। श्री राम मंदिर को स्वर्ण मंदिर के रूप में ऐसा भव्य बनाया जाना चाहिए, कि पूरे विश्व में श्री राम की आस्था का विगुल बजे तथा धर्म की स्थापना का संदेश दिया जा सके।

उन्होंने कहा कि मंदिर के संदर्भ में आवश्यक स्वर्ण व अन्य सामग्री के विषय में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके लिए आने वाली जून से लंदन में एक सकारात्मक मुहिम की शुरूआत की जाएगी, और इसका नेतृत्व आस्था कुंज की ओर से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर का निर्माण आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे भारत की संस्कृति और सभ्यता अक्षुण्य बनी रह सके। मंदिर के बनने से आगीमी पीढ़ी में धर्म के प्रति आस्था भी गौरवशाली बनी रहेगी।

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उन्होंने बताया कि दुनिया भर में आध्यात्मिक चेतना फैलाने के लिए दिल्ली में एक भव्य आस्था केंद्र बनाया जाएगा। जिसका क्रियान्वयन 200 एकड़ के क्षेत्र में संचालित होगा। इस केंद्र में आध्यात्म और योग शक्ति के साथ भारत को विश्व गुरू बनाने की संकल्पना साकार की जाएगी। उन्होंने योग के महत्व को बताया और कहा कि योग भारत की अविस्मरणीय धरोहर है। योग और आध्यात्म ही भारत को विश्व गुरू की संज्ञा दिलाते है। इसलिए योग का विस्तार किया जाना बहुत प्रासंगिक है। आस्था कुंज की ओर से पूरे विश्व में यह विस्तार तेजी से किया जा रहा है।

इस अवसर पर आस्था कुंज के महासचिव श्री आनंद साहू जी ने कहा कि दुनिया भर के भारतीय हिंदू उद्योगपतियों को पहले अपने हिन्दू धर्म के बारे में एहसास कराने का कार्य डा. एम ने विगत 35 वर्षों से करने का सराहनीय कार्य करते रहे हैं और ऐसे दिव्य एवं वैभवशाली योजना से जुड़ने का अवसर ईश्वर की कृपा से हमें मिला है। डा. एम एक महान संत की भांति भारत के जीवंत धरोहर को जीते हैं।



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