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Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस पर घमासान जारी, स्वामी प्रसाद मौर्य ने डॉ अंबेडकर को लेकर कही ये बड़ी बात

Ramcharitmanas Controversy: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर एसपी-बीजेपी के बीच आरोप–प्रत्यारोप का दौर जारी है।

Krishna Chaudhary
Published on: 4 Feb 2023 6:41 AM GMT (Updated on: 4 Feb 2023 7:50 AM GMT)
Ramcharitmanas Controversy
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स्वामी प्रसाद मौर्य (Pic: Social Media)

Ramcharitmanas Controversy: पवित्र हिंदू धर्मग्रंथ रामचरितमानस को लेकर घमासान जारी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर एसपी-बीजेपी के बीच आरोप–प्रत्यारोप का दौर जारी है। सपा के विधान परिषद सदस्य मौर्य ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कथित अगड़ी जातियों पर फिर से निशाना साधा है।

उन्होंने अपने पोस्ट में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि कदम-कदम पर जातीय अपमान की पीड़ा से व्यथित होकर ही डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि 'मैं हिंदू धर्म में पैदा हुआ यह मेरे बस में नहीं था, किंतु मैं हिंदू होकर नहीं मरूंगा, ये मेरे बस में है।' फलस्वरूप सन 1956 में नागपुर दीक्षाभूमि पर 10 लाख लोगों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया, वह भी भारतीय संविधान लागू होने के बाद।

दलित एवं पिछड़े नेताओं के साथ किया गया भेदभाव

पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आगे कहा कि तत्कालीन उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम द्वारा उद्घाटित संपूर्णानंद मूर्ति का गंगा जल से धोना, तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रिक्तोपरांत मुख्यमंत्री आवास को गोमूत्र से धोया जाना एवं तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सीकर ब्रह्मामंदिर में प्रवेश न देना शूद्र होने का अपमान नहीं तो क्या? ये सभी देश के बड़े नेताओं के साथ अपमान की घटनायें घटित हुईं तो गाँव-गाँव में आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो के साथ क्या होता होगा?

शूद्र पॉलिटिक्स पर यूपी में बवाल

स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद उत्तर प्रदेश में शूद्र पॉलिटिक्स हावी हो गया है। सवर्ण समाज जहां मौर्य के विवादित बयान के खिलाफ सड़कों पर उतरा हुआ है। वहीं, दलित एवं ओबीसी संगठन सपा नेता के समर्थन में लामबंद हो चुके हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद को प्रमोशन देकर जता दिया कि वह शूद्र पॉलिटिक्स के जरिए बीजेपी के हिंदुत्व का जवाब देने की तैयारी में हैं।

मायावती ने अखिलेश पर साधा था निशाना

यूपी में हो रही शूद्र पॉलिटिक्स पर बसपा प्रमुख मायावती खुश नहीं हैं। उन्होंने इसे लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि सपा कमजोर और उपेक्षित लोगों को शूद्र बताकर उनका अपमान न करें। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के कमजोर एवं उपेक्षित लोगों का ग्रंथ रामचरितमानस या मनुस्मृति नहीं बल्कि संविधान है।

क्या है पूरा विवाद

दरअसल, तुलसीदास रचित रामचरितमानस में एक चौपाई है, प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं। मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं॥ ढोल गंवार सूद्र पसु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी। इसे लेकर यूपी से लेकर बिहार तक हंगामा बरपा हुआ है। बिहार में जहां राजद कोटे से आने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर इसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ करार दे चुके हैं। वहीं, यूपी में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस ग्रंथ को बकवास करार देते हुए इस पर बैन लगाने की मांग कर चुके हैं।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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