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Ramcharitmanas Row: स्वामी प्रसाद के बयान पर चुप्पी साध कर घिरीं भाजपा सांसद संघमित्रा, भूपेंद्र चौधरी ने मांगा स्पष्टीकरण
Ramcharitmanas Row: स्वामी प्रसाद मौर्य के मानस पर दिए गए बयान को लेकर खासा विवाद पैदा हो गया है और मौर्य अभी भी अपने बयान पर डटे हुए हैं।
Swami Prasad and Sanghamitra Maurya (photo: social media )
Ramcharitmanas: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर उनकी बेटी और भाजपा सांसद डॉ.संघमित्रा मौर्य की चुप्पी पर सवाल उठने लगे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने संघमित्रा मौर्य की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन पर सीधे निशाना साधा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने हरदोई में कहा कि मानस के संबंध में स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया है और संघमित्रा को इस विवादित बयान पर अपना रुख साफ करना चाहिए।
स्वामी प्रसाद मौर्य के मानस पर दिए गए बयान को लेकर खासा विवाद पैदा हो गया है और मौर्य अभी भी अपने बयान पर डटे हुए हैं। उनके बयान पर पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा है मगर संघमित्रा ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है। उनकी चुप्पी को लेकर ही भाजपा की ओर से अब सवाल उठाए जा रहे हैं।
पिता के बयान पर रुख करना होगा स्पष्ट
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मौर्य की बेटी संघमित्रा भाजपा से सांसद हैं। इसलिए उन्हें अपने पिता के बयान पर अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट करना चाहिए। निश्चित तौर पर उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि मानस के संबंध में विवादित बयान के मुद्दे पर वे अपने पिता के साथ हैं या भाजपा की विचारधारा के साथ। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अब चुप्पी साधे रखने से काम नहीं चलने वाला है।
पिछले कई दिनों से यह विवाद चल रहा है मगर उन्होंने अभी तक इस संबंध में अपनी बात सबके सामने नहीं रखी है। पार्टी इस मुद्दे पर उनका रुख जानना चाहती है। भाजपा को अनुशासित पार्टी बताते हुए चौधरी ने कहा कि पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से अलग नहीं हो सकती। ऐसे में पार्टी के लोगों को भी पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों को मानना होगा।
भाजपा सांसद पर हो सकती है कार्रवाई
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का यह बयान सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। संघमित्रा मौर्य बदायूं से भाजपा सांसद हैं और उनके रुख को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। अब प्रदेश अध्यक्ष की ओर से दिए गए इस बयान के बाद माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी नेतृत्व की ओर से संघमित्रा पर कार्रवाई की जा सकती है। पार्टी अभी तक इस मुद्दे को टालती रही है मगर पार्टी अध्यक्ष के बयान से साफ हो गया है कि अब पार्टी इस मुद्दे को अधिक दिनों तक टालने के मूड में नहीं है।
अपने बयान पर अड़े हुए हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
दूसरी ओर भाजपा सांसद के पिता और समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अभी भी अपने बयान पर अड़े हुए हैं। रविवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों,पिछड़ों और महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का मैं आगे भी विरोध करता रहूंगा। उन्होंने कहा दकि रामचरितमानस के संबंध में मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है और मैं अभी भी पहले कही गई बातों पर डटा हुआ हूं। समाजवादी पार्टी की ओर से रविवार को मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बनाने का ऐलान भी किया गया है। पार्टी नेतृत्व की ओर से उठाए गए इस कदम से साफ हो गया है कि पार्टी भी इस मुद्दे पर उनके साथ खड़ी है।