Ramcharitmanas Row: स्वामी प्रसाद के समर्थन में समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर लगा पोस्टर, लिखा है गर्व से कहो हम शुद्र हैं

Ramcharitmanas Row: स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद कुछ लोग उनके समर्थन में खड़े हैं, जबकि कुछ लोग जम कर विरोध कर रहे हैं।

Anant kumar shukla
Published on: 31 Jan 2023 7:40 AM GMT
Swami Prasad Maurya
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Swami Prasad Maurya (photo: social media )

Ramcharitmanas Row: पूर्व मंत्री और सपा विधायक स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में पार्टी कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है। पोस्टर पर लिखा है 'गर्व से कहो हम शूद्र हैं'। डॉक्टर शुद्र उत्तम पटेल ने ये पोस्टर लगाया है। पटेल कुर्मी महासभा महाराष्ट्र के राष्ट्रीय सचिव हैं। पोस्टर के ऊपर 6743 जातियां...शुद्र समाज लिखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद कुछ लोग उनके समर्थन में खड़े हैं, जबकि कुछ लोग जम कर विरोध कर रहे हैं। सपा में भी इस बयान को लेकर कुछ नेता संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने खुलकर मीडिया में इसका विरोध भी दर्ज किया था। माना जा रहा था कि अखिलेश यादव भी इस बयान से नाराज चल रहे हैं। लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाये जाने के बाद सभी गलतफहमी दूर हो गयी।

समाजवादी पार्टी के नेता भी नाराज हैं

स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस को लेकर दिए गए विवादित बयान से समाजवादी पार्टी के कुछ नेता भी नाराज दिखे। लखनऊ मध्य से विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा था कि राम हम सब के आदर्श हैं। हम लोग भी सुंदरकांड व रामायण का पाठ करते हैं। उन्होंने स्वामी प्रसाद द्वारा दिए गए बयान को उनका व्यक्तिगत बताया था। इसी तरह मनोज पांडे ने भी इस बयान को लेकर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा था कि इस विषय पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलकर चर्चा करेंगे। हालांकि अखिलेश यादव ने अभी तक इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं की है। बल्कि स्वामी प्रसाद मौर्य को उपहार स्वरूप राष्ट्रीय महासचिव का पद सौंपा है। माना जा रहा है कि इससे पार्टी के कई नेता असंतुष्ट हैं।

पूर्व डीजीपी ने किया था स्वामी के बयान का समर्थन

रामचरितमानस विवाद को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिये गए बयान का समर्थन पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने भी किया है। सुलखान सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि स्वामी प्रसाद ने कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है न कि रामचरित मानस को लेकर। स्वामी प्रसाद मौर्य को इसका अधिकार है। रामचरितमानस पर जाति,वर्ग का विशेषाधिकार नहीं है। प्रदूषित,अमानवीय ग्रंथों की निंदा तो करनी ही होगी। भारतीय ग्रंथों ने समाज को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने लिखा है कि ग्रंथों में जातिवाद, ऊंचनीच, छुआछूत स्थापित किया गया है। पीड़ित व्यक्ति या समाज अपना विरोध तो व्यक्त करेगा।

रामचरित की प्रतियां जलाने पर 10 पर केस

रविवार को राजधानी लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां जलाकर जलाने के मामले में पीजीआई थाने में स्वामी प्रसाद मौर्य सहित 10 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। इन लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। इस मामले में एडीसीपी पूर्वी मोहम्मद अली अब्बास ने बताया कि ऐशबाग निवासी भाजपा नेता सतनाम सिंह उर्फ लवी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें सत्येंद्र कुशवाहा यशपाल सिंह लोधी देवेंद्र प्रताप यादव नरेश सिंह और सलीम को अभी तक गिरफ्तार किया गया है। जबकि स्वामी प्रसाद महेंद्र प्रताप यादव सुजीत यादव एस एस यादव और संतोष वर्मा की तलाश में दबिश जारी है।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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