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सपा के इस कद्दावर नेता ने नागरिकता बिल पर ऐसी बात कह सभी को चौंका दिया
यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि सीएबी (नागरिकता संशोधन बिल) केवल संविधान और लोकतन्त्र नहीं, अखण्ड भारत के सपने पर भी हमला है।
लखनऊ: यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि सीएबी (नागरिकता संशोधन बिल) केवल संविधान और लोकतन्त्र नहीं, अखण्ड भारत के सपने पर भी हमला है।
इसलिए भारत सरकार देश हित में सीएबी को अविलम्ब वापस ले। इसमें विलम्ब किया गया तो देश उस स्थिति की ओर चला जायेगा जहां पर अमन अमान की स्थिति बहाल करना लोहे का चना चबाने से अधिक कठिन कार्य हो जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने सोमवार को कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता निर्धारित करने वाला यह प्रारूप संविधान और लोकतन्त्र में आस्था रखने वाले किसी भी समझदार आदमी को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं होगा।
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Cab के खिलाफ चौतरफा आक्रोश
इसे लेकर चौतरफा आक्रोश से यह स्थिति साफ नजर आ रही है। इस आक्रोश को लाठी और गोली से दबाने की जो कोशिश हो रही है, वह देश की एकता और अखंडता के लिए भी खतरनाक साबित होगी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा नागरिक रजिस्टर पंजी (एनआरसी) का प्रयोग पहली बार आसाम में किया गया। इसके लिए आन्दोलन करने वाले इस राज्य ने भी इस प्रयोग को स्वीकार नहीं किया।
सरकार को आसाम की इस अस्वीकार्यता को गम्भीरता से लेना चाहिए था और सर्वदलीय समिति बनाकर आम सहमति का प्रारूप बनाने की कोशिश होनी चाहिए थी। इसके बाद भी आम सहमति से बने प्रारूप का प्रयोग भी पहली बार आसाम में ही होना चाहिए था।
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केंद्र सरकार आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह फेल
उन्होंने कहा कि रोजगार और आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह फेल भारत सरकार अपना असंवैधानिक चेहरा महाराष्ट्र में उजागर हो जाने के बाद लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से हटाने के लिए जल्दबाजी में धर्म के आधार पर नागरिकता तय करने वाला बिल पेश कर दिया।
जिसे लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत और जोड़तोड़ के बल पर पास भी करा लिया। यह बिल उस अखण्ड भारत के सपने पर भी हमला है जो भारतीय जनता पार्टी की मूल पार्टी भारतीय जनसंघ ने देखा था।
उन्होंने अखण्ड भारत का नारा लगाने वाले और उसमें आस्था रखने वाले सभी लोगों से अपील की है कि वह लोग भी दलीय अनुशासन तोड़कर इस बिल का विरोध करें और पार्टी के भीतर भी इस बिल को वापस लेने के लिए दबाव बनाएं।
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