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Abdullah Azam News: अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट का झटका, आपराधिक मामले में अंतरिम राहत देने से शीर्ष कोर्ट का इनकार

Abdullah Azam News: मुरादाबाद के छजलैट में 29 जनवरी 2008 को पुलिस चेकिंग के दौरान जब पुलिस ने सपा नेता अब्दुला आजम की कार को चेकिंग के लिए रोका तो अब्दुल्ला वहीं धरने पर बैठ गए थे।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 11 Oct 2023 3:01 PM GMT
Supreme Courts shock to Abdullah Azam, Supreme Courts refusal to grant interim relief in the criminal case
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अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट का झटका, आपराधिक मामले में अंतरिम राहत देने से शीर्ष कोर्ट का इनकार: Photo- Social Media

Abdullah Azam News: सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने बुधवार को अब्दुल्ला आजम को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। दरअसल, विरोध प्रदर्शन मामले में दोषी ठहराए गए पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में मांग की थी कि उत्तर प्रदेश की निचली अदालत को आदेश दिया जाए कि वह उनके नाबालिग होने के दावे की पुष्टि होने तक उनके खिलाफ कोई फैसला न सुनाएं।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को मुरादाबाद के जिला न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि वह किशोर न्याय अधिनियम के तहत मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां के नाबालिग होने के पहलू पर फैसला करें और निर्णय को आगे के विचार के लिए उसके पास भेजें। इस आदेश का हवाला देते हुए अब्दुल्ला आजम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच से कहा कि जब तक नाबालिग होने के दावे पर रिपोर्ट पेश नहीं हो जाती, तब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट को लंबित आपराधिक मामले में आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा जाए।

कभी-कभी कानून न्याय के रास्ते में रोड़ा बन जाता है-

सिब्बल ने आगे कहा कि अगर हाईकोर्ट अंतिम आदेश पारित नहीं करती है तो आसमान नहीं टूट जाएगा। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कानून न्याय के रास्ते में रोड़ा बन जाता है। यह इसी तरह का मामला है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट राहत देने के पक्ष में नहीं थी। बेंच ने कहा कि इस स्तर पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने का कोई ठोस कारण नहीं मिला। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मुरादाबाद जिला अदालत से नाबालिग होने के दावे का पता लगाने और उसे रिपोर्ट भेजने को कहा था।

क्या है मामला-

बता दें कि 29 जनवरी 2008 को मुरादाबाद के छजलैट में पुलिस चेकिंग के दौरान जब पुलिस ने सपा नेता अब्दुला आजम की कार को चेकिंग के लिए रोका तो अब्दुल्ला आजम वहीं धरने पर बैठ गए थे। इस पर पुलिस ने अब्दुल्ला और कई अन्य सपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है।

...और हो गई थी विधायकी रद्द-

दो साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद ही अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द कर दी गई थी। गत पांच अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को अब्दुल्ला की याचिका पर जल्द सुनवाई कर फैसला करने का आग्रह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि हाईकोर्ट यह भी गौर करे कि अब्दुल्ला वाली सीट (स्वार) पर चुनाव आयोग उपचुनाव की अधिसूचना जारी करने वाला है। बाद में हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अब्दुल्ला का कहना है कि घटना के समय वह नाबालिग थे।

Shashi kant gautam

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