फूट-फूट कर रोती रही बेटियां: सुनने वाला कोई नहीं, इलाज के अभाव में BJP कार्यकर्ता की मौत

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े अरविंद बाजपेई की मौत पर उनके परिवार ने सिस्टम और लचर व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 1 May 2021 11:44 AM GMT
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े अरविंद बाजपेई की मौत पर उनके परिवार ने सिस्टम और लचर व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है। घंटो नहीं मिला इलाज
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अरविंद बाजपेई(फोटो-सोशल मीडिया)

बरेली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) के व्यवस्था प्रमुख, भाजपा कार्यकर्ता अरविंद बाजपेयी अब इस दुनिया में नहीं रहे। अरविंद बाजपेई की मौत पर उनके परिवार ने सिस्टम और लचर व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है। बच्चों ने बताया कि पापा को घण्टों इलाज नहीं मिला, क्रूर सिस्टम ने बाजपेयी जी को मार डाला, केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के करीबी रहे बाजपेयी जी, किसी ने साथ नहीं दिया। इस पर बच्चों ने फेसबुक पर मार्मिक वर्णन कर ट्वीट किया।

https://www.facebook.com/arvindra.bajpai/posts/1940493549438961

ऐसे मेें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े अरविंद बाजपेई की मौत पर उनके परिवार ने सिस्टम पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। 300 बेड अस्पताल के चिकित्सक व स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बेटी स्वाती ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इंसाफ की गुहार लगाई है।

अरविंद बाजपेई की बेटी स्वाति ने शिकायती पत्र में कहा है कि ऑक्सीजन के अभाव में उनके पापा की जान गई। इसके जिम्मेदार 300 बेड अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ है।

बेटी के मुताबिक 23 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अगले दिन शाम करीब चार बजे वह चाचा मनोज समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पिता को 300 बेड अस्पताल लेकर पहुंचे, तो डॉक्टर ने ऑक्सीजन की कमी का हवाला देकर भर्ती करने से मना कर दिया।

मेरे पापा व हम अनाथ बच्चों को न्याय कौन दिलाएगा ? उनकी मृत्यु Corona से नहीं हुई हॉस्पिटल प्रशासन (300 bed hospital) के...

Posted by Arvindra Bajpai on Tuesday, April 27, 2021

जिसके बाद उनकी दोनों बेटियां स्वाति और यशी ने पापा की जान बचाने के लिए घंटों काफी मिन्नतें कीं, तब जाकर तो एक घंटा ऑक्सीजन देने की बात कहकर भर्ती कर लिया। इसके बाद फिर ऑक्सीजन सिलेंडर लाने की बात कही।

दौड़ते-भागते किसी तरह ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया तो शाम को कुछ समय और भर्ती कर लिया। बेटियों का आरोप है सांसें उखड़ती देख परिजन उन्हें भर्ती करने की बात कहकर गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। किसी का दिल नहीं पसीजा।

अरविंद बाजपेई के परिजनों के अनुसार, चिकित्सक रेफर करने का दबाव बना रहे थे, लेकिन हालत गंभीर देख उनके दिल ने गवाही नहीं दी। आगे परिजनों के हिसाब से अस्पताल प्रशासन की जलालत भरी बातें सुनकर देर शाम मजूबरी में अरविंद बाजपेई को निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां अगले दिन उनकी सांसें टूट गईं।

अरविंद बाजपेई का परिवार(फोटो साभार-फेसबुक)

ऐसे में बेटी स्वाति ने बताया कि प्रशासन अस्पताल में भरपूर ऑक्सीजन और बेड होने का दावा कर रहा है लेकिन हालात उलट हैं। जनप्रतिनिधियों ने अंतिम समय में अपनों का साथ नहीं दिया। वहीं अब यदि मामले की जिलाधिकारी स्तर से निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई, पिता को इंसाफ दिलाने के लिए प्रधानमंत्री से लेकर सीएम के पास तक जाएंगे। जरूरत पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।

वहीं बेटी का कहना है कि अफसोस तो इस बात का भी है कि पिता की मौत के बाद भी उनके परिवार का किसी नेता ने हाल तक नहीं जाना। जबकि उनके पिता ने पूरी जिंदगी संघ व भाजपा की सेवा में बिता दी।

रोते हुए बेटी ने कहा कि इससे ज्यादा शर्म की बात तो यह है कि अंत समय में पापा का साथ नहीं देने वाले कुछ नेता फजीहत से बचने और खुद की राजनीति चमकाने को झूठ बोलते नजर आए।

Vidushi Mishra

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