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Ravan Dahan Unnao: उन्नाव में दशहरे में नहीं जलता रावण, इस दिन होता है दहन
Unnao Dussehra Special: उन्नाव जनपद में दशहरा पर रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है। इसके पीछे वहां के लोगों का अपना तर्क है।
Unnao Dussehra Special: नवरात्रि को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। कल यानी बुधवार 5 अक्टूबर को लंकापति रावण का पुतला विजयदशमी के मौके पर देशभर में फूंका जाएगा। रावण के पुतला दहन की ये परंपरा हजारों वर्षों पुरानी है। लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में दशहरा पर रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है। इसके पीछे वहां के लोगों का अपना तर्क है। कानपुर और लखनऊ के बीच बसे उन्नाव में भी ऐसी ही परंपरा है।
यहां रावण दशहरा के दिन न जलाकर शरद पूर्णिमा को फूंका जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां दशहरा मेला की बुनियाद श्रीरामलीला कमेटी ने 146 साल पहले डाली थी तब से अनवरत यह परंपरा कायम है। यहां पर दशहरा के बजाय चार दिन बाद पूर्णमासी के दिन रावण पुतला दहन और मेला का आयोजन होता है। यह परंपरा क्यों और कैसे पड़ी इसका कोई प्रमाण तो नहीं है मगर जनश्रुतियों के मुताबिक कानपुर में मेला पूरा होने के चार दिन बाद पूर्णमासी के दिन रावण पुतला दहन करने की परंपरा पड़ गई।
ये भी है एक वजह
यहां के बड़े – बुजुर्ग बताते हैं कि सैंकड़ों साल पहले उन्नाव दो महानगरों (कानपुर और लखनऊ) के बीच एक छोटा कस्बा हुआ करता था। उस दौरान यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रम में कलाकर बड़े शहरों में अपनी प्रस्तुति खत्म करने के बाद यहां आते थे। इसलिए यहां मेला आगे खींच जाता था और रावण दहन दशहरे को न होकर शरद पूर्णिमा को फूंका जाता था। स्थानीय लोगों के मुताबिक, हर साल इस परंपरा को तोड़ने की बात कही जाती है लेकिन ऐसा हो नहीं पाता। लोगों ने अब इस परंपरा से खुद को जोड़ लिया है।
इसी तरह कन्नौज में रावण दहन दशहरे वाले दिन नहीं होता बल्कि शरद पूर्णिमा के दिन होता है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि रावण ने शरद पूर्णिमा के दिन ही प्राण त्यागे थे, इस बीच उन्होंने लक्ष्मणजी को ज्ञान दिया था। इसी वजह से पूर्णिमा पर रावण का पुतला जलाया जाता है।