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कुछ तो रहम करो, हाय रे महंगाई डायन! अपने ही ससुराल में महंगा हुआ रावण
मेरठ शहर रावण के ससुराल के रूप में जाना जाता है। कहते हैं कि यहां कई ऐसे मंदिर है जहां रावण की पत्नी मंदोदरी पूजा-अर्चना किया करती थी। यहां
मेरठ: मेरठ शहर रावण के ससुराल के रूप में जाना जाता है। कहते हैं कि यहां कई ऐसे मंदिर है जहां रावण की पत्नी मंदोदरी पूजा-अर्चना किया करती थी। यहां रावण के बड़े-बड़े पुतलों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। बदलते समय के साथ पुतले बनाने के काम में भी काफी बदलाव आए हैं। पहले जो रावण का पुतला चंद रुपयों में बन जाता था, वो अब हजारों और लाखों में बन रहा है।
- परिवार के लोग शहर के भैसाली मैदान में रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला पिछले एक महीने से बनाने में लगे है।
- इसे भैसाली मैदान में होने वाली रामलीला के लिए तैयार किया जा रहा है। वह 40 साल से रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले बनाने का काम कर रहे हैं।
- इस काम को पहले उनके अब्बा हासिम और बड़े भाई चांद किया करते थे। अब उनके साथ उनके बेटे खुर्रम, अकरम और असलम काम कर रहे है।
- रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण को बनाने में 80 हजार रूपयें का खर्चा आया है। 29 सितंबर को रावण और उसके दोनों भाइयों के पुतले को क्रेन से खड़ा किया जाएगा।
- 80 फुट के बने रावण का मुंह खुलता-बंद होता रहेगा। रावण हंसता हुआ दिखाई देगा।
- रावण की गर्दन 30 फुट ऊपर दायें-बायें घूमेगी। आंखों से लाइट जलती दिखाई देगी। जैसे ही रावण का दहन होगा, उसकी आंखों से अंगारे निकलेंगे। भैसाली मैदान में 80 फुट का रावण, 75 फुट के कुंभकर्ण और 70 फुट का मेघनाथ का दहन होगा।