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जब मुलायम सिंह पर बरसी थीं ताबड़तोड़ गोलियां, ऐसे बची थी जान
मैनपुरी में दो बाइक सवार बदमाशों ने मुलायम सिंह यादव की कार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी। नेताजी की कार पर 9 गोलियां दागी गई थी।
देश की राजनीति में बड़े बड़े राजनैतिक महारथियों को अपने धोबी पाट से सदैव चित करने वाले दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव पर भी एक बार जान लेवा हमला हुआ था, जिसमें वे बाल-बाल बच गए थे। मुलायम सिंह यादव पर हुए इस जानलेवा हमले के परिपेक्ष्य में उनके समर्थकों ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। इटावा के तत्कालीन लोकदल जिलाध्यक्ष महाराज सिंह यादव ने अपनी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव पर हुए इस जानलेवा हमले का सीधा आरोप सूबे की तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री बलराम सिंह यादव पर लगाया था।
तत्कालीन लोकदल इटावा के जिलाध्यक्ष महाराज सिंह यादव ने अपने आरोप ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव के बढ़ते राजनैतिक कद से कांग्रेस बौखला गयी है। साथ ही तत्कालीन लोकदल के नेताओं ने इस हमले के पीछे यह भी तर्क दिया था कि कांग्रेस नेता व राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री बलराम सिंह यादव ने मुलायम सिंह यादव के सामने अपने बौने होते कद के कारण बौखला गए हैं। इसलिये उन्होंने एक साजिश के तहत अपने गुर्गों के माध्यम से मुलायम सिंह यादव पर यह जान लेवा हमला करवाया है। जानकर लोग बताते हैं कि इस हमले में मुलायम सिंह के काफिले पर कई राउंड गोलियां हमलावरों ने दागी थीं।
देश के दिग्गज लोहियावादी नेता मुलायम सिंह यादव पर यह सनसनीखेज जानलेवा हमला 4 मार्च 1984 को हुआ था। यह सनसनी खेज घटना उस समय की,जब मुलायम सिंह यादव लोकतांत्रिक मोर्चा उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष व विधान परिषद में विपक्ष के नेता हुआ करते थे। उस समय चौधरी चरण सिंह का लोकदल उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में लोकतांत्रिक मोर्चे का एक घटक दल था। उस समय मुलायम सिंह यादव 2 मार्च से इटावा जिले के दौरे पर थे और सामाजिक बैठकों में हिस्सा ले रहे थे। 4 मार्च को 5 बजे के लगभग इटावा-मैनपुरी सीमा पर स्थित झिंगुपुरा गांव में जब वे लोगों को सम्बोधित करने के बाद माहिखेड़ा गांव में अपने एक दोस्त से मिलने जा रहे थे।
मैनपुरी से वे लगभग 9 बजे अपने कारों के काफिले के साथ निकले। बमुश्किल मुलायम सिंह यादव एक किलोमीटर दूर तक ही निकल पाएं होंगे, तभी उनकी कार के ड्राइवर ने देखा कि दो बाइक सवार उनके काफिले का पीछा करते हुए आ रहे हैं। अचानक वे दोनों बाइक सवार कार के सामने कूद पड़े और उन्होंने मुलायम सिंह यादव की कार पर फायरिंग करना शुरू कर दिया। मुलायम सिंह यादव के साथ सुरक्षा में चल रही पुलिस टीम ने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। हमलावरों व पुलिस टीम के मध्य यह फायरिंग लगभग 45 मिनट तक चली। मुलायम सिंह यादव पर हुए इस जानलेवा हमले को अंजाम देने वाले दोनों शख्स में से छोटे लाल नामक हमलावर को मौके पर ही मार गिराया गया था। जबकि नेत्रपाल गम्भीर रूप से घायल हो गया था। इस जानलेवा हमले से सुरक्षित बचा कर मुलायम सिंह यादव को पुलिस टीम ने एक जीप से मैनपुरी जनपद के कुर्रा थाने पहुंचा दिया था। बाद में मुलायम सिंह यादव पुलिस सुरक्षा में इटावा आये थे।
बताया जाता है कि इस जानलेवा हमले में मुलायम सिंह यादव की कार को टारगेट 9 गोलियां दागी गयी थीं और हमलावरों ने कार के उस हिस्से को टारगेट कर गोलियां दागी थी। जिस साइड में कार में मुलायम सिंह यादव बैठा करते थे। इस घटना के बाद मुलायम सिंह यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसी भी नेता का नाम लिये बिना यह शंका जाहिर की थी कि यह उनकी हत्या की साजिश थी और उन्हें ईश्वर ने ही बचाया है। मुलायम सिंह यादव ने उस समय यह रहस्योघाटन किया था कि उनके कुछ समर्थकों ने उन्हें यह जानकारी दी थी कि मुझ पर जानलेवा हमला हो सकता है, लेकिन मैं गम्भीर नहीं हुआ। इस घटना के समय करहल के पूर्व विधायक व मुलायम सिंह यादव के राजनैतिक गुरु चौधरी नत्थू सिंह यादव भी साथ थे। उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि इटावा व मैनपुरी में लोकदल के कार्यकर्ता दहशतजदा है और भय के साये में जी रहे हैं।