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स्वामी प्रसाद ने सम्मेलन में जारी किया बहुजन समाज के दर्द का दस्तावेज
लखनऊ: बीएसपी के बागी नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने कार्यकर्ता सम्मेलन में बहुजन समाज के दर्द का दस्तावेज भी जारी किया। इस मौके पर उन्होंने सम्मेलन में आए कार्यकर्ताओं को एक पर्चा बांटकर सबसे उनकी लिखित राय मांगी गई है। इस सम्मेलन ने बसपा छोड़ चुके कई नेता जमा पहुंचे। बताया जा रहा है कि यही से मौर्या अपनी नई पारी का ऐलान भी कर सकते हैं।
यह कार्यकर्ता सम्मेलन शुक्रवार को गोमतीनगर एक्सटेंशन स्थित सीएमएस के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। इसमें कन्नौज के जिला पंचायत सदस्य प्रवेश शाक्य, मऊ से राकेश मौर्या, अवध क्षेत्र से संजय गोस्वामी भी बसपा छोड़कर मौर्या के सम्मलेन में हिस्सा लेने पहुंचे। हालांकि एक दिन पहले यानि कि गुरुवार को बसपा छोड़ने वाले आरके चौधरी इस सम्मेलन में शरीक नहीं हुए। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह उस पार्टी में नहीं जाएंगे, जिसका दामन स्वामी प्रसाद मौर्या थामेंगे।
सम्मेलन की शुरुआत बुद्ध वंदना से हुई और बौद्ध भिक्षुकों को भी मंच पर जगह दी गई। सम्मलेन में तमाम जिला पंचायत अध्यक्ष, प्रधान, बीडीसी सदस्य आए हुए हैं। शहर में इस कार्यकर्ता सम्मेलन की कई होर्डिंग्स भी लगीं। उन्होंने अपने घर पर कार्यकर्ताओं के खाने-पीने का भी इंतजाम किया।
क्यों कर रहे हैं सम्मेलन?
-स्वामी प्रसाद मौर्या ने खुद से जुड़े कार्यकर्ताओं का सम्मेलन बुलाया है।
-उन्हें मौर्या, कुशवाहा, शाक्य और सैनी समाज के बीच अपनी लोकप्रियता साबित करनी है।
-बीएसपी की ओर से जनाधार विहीन नेता होने का जवाब भी सम्मेलन से देना है।
-सम्मेलन के बाद जनजागरण और फिर लखनऊ में बड़ी रैली करने का फैसला हो सकता है।
स्वामी प्रसाद के सामने क्या हैं विकल्प?
-सपा को गुंडों की पार्टी बताकर वहां का रास्ता खुद के लिए बंद कर चुके हैं।
-सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के बड़े नेताओं से मिले थे और वहां उन्हें ठौर मिल सकता है।
-हालांकि वह आरएसएस के खिलाफ हमेशा मुखर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी में एंट्री भी आसान नहीं है।
-अलग पार्टी बनाने या छोटे दलों के साथ फ्रंट बनाकर भी चल सकते हैं।
-सत्रों के मुताबिक कांग्रेस के एक बड़े नेता से भी स्वामी प्रसाद संपर्क में बने हुए हैं।