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यूपी में खादी के साथ जरी-जरदोजी, चिकन-रेशमी कपड़े बनेंगे ग्लोबल ब्रांड

मंगलवार को प्रतिष्ठित फैशन डिजायनर रीना ढाका ने प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल से भेंट कर अपनी ओर से ऐसा ही प्रस्ताव रखा। रीना ढाका ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक जनपद-एक उत्पाद योजना शुरू करने को शिल्पकला के पुनर्जीवन देने का अभिनव प्रयास कहा।

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Published on: 16 Dec 2020 7:01 PM IST
यूपी में खादी के साथ जरी-जरदोजी, चिकन-रेशमी कपड़े बनेंगे ग्लोबल ब्रांड
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यूपी में खादी के साथ जरी-जरदोजी, चिकन-रेशमी कपड़े बनेंगे ग्लोबल ब्रांड

रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: कभी खादी को गरीबी का पर्याय माना जाताा था लेकिन बदलते दौर मेें खादी पहनना एक स्टेटस सिम्बल बन चुका है। इसे अब बडे़- बडे़ फैशन डिजायनर अपना रहे हैं। प्रदेश को विशिष्ट पहचान दिलाने वाले यूपी के शिल्पकारों के हुनर को अब मुम्बई के नामचीन फैशन डिजाइनर और निखारेंगे। रीना ढाका, ऋतु बेरी, मनीष मल्होत्रा और जेजे बलाया जैसे प्रोफेशनल फैशन डिजायनर उत्तर प्रदेश के शिल्पकारों को न केवल बदलते जमाने के हिसाब से तकनीक आधारित ज्ञान देंगे, बल्कि उन्हें अपने प्रोडक्ट की आकर्षक पैकेजिंग, ब्रान्डिंग और मार्केटिंग के गुर सिखाने के साथ-साथ बाजार भी मुहैया कराएंगे। कई प्रतिष्ठित फैशन डिजायनरों ने योगी सरकार के साथ मिलकर शिल्पकारों को प्रशिक्षण देने की पहल की है।

रीना ढाका ने MSME के अधिकारी से की मुलाकात

मंगलवार को प्रतिष्ठित फैशन डिजायनर रीना ढाका ने प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल से भेंट कर अपनी ओर से ऐसा ही प्रस्ताव रखा। रीना ढाका ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक जनपद-एक उत्पाद योजना शुरू करने को शिल्पकला के पुनर्जीवन देने का अभिनव प्रयास कहा। बकौल रीना, हाल के दिनों में खादी के कपड़ों की फैशन इंडस्ट्री में खासी मांग देखने को मिली। तमाम बड़ी कम्पनियां खादी आधारित डिजायनर कपड़े तैयार कर रही हैं, जिन्हें ग्लोबल मार्केट में हाथों-हाथ लिया गया। खादी के थीम पर फैशन शो हो रहे हैं।

Reena Dhaka

शिल्पकारों को न्यू मार्केटिंग और ब्रान्डिंग की दी जाए जानकारी

ठीक ऐसे ही, ओडीओपी योजनान्तर्गत अम्बेडकर नगर, मऊ, इटावा, बाराबंकी के वस्त्र उत्पाद, बदायूं, कासगंज, शाहजहांपुर, चंदौली, बरेली, उन्नाव की जरी जरदोजी, भदोही, सोनभद्र व मिर्जापुर की कालीन, फर्रुखाबाद की वस्त्र छपाई, गौतमबुद्ध नगर के रेडीमेड गारमेंट, हारदोई के हैंडलूम उत्पाद, जौनपुर की ऊनी कालीन, कुशीनगर का केला फाइबर, ललितपुर की जरी सिल्क साड़ी, लखनऊ की चिकन कारी और जरी जरदोजी, वाराणसी की रेशमी साड़ियां जैसे तमाम उत्पाद हैं, जो थोड़े से प्रयास से वैश्विक फैशन जगत में छा सकते हैं। जरूरत है, शिल्पकारों को नए जमाने के हिसाब से ट्रेनिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और ब्रान्डिंग का ज्ञान देने की।

उप्र सरकार के साथ काम करना चाहती है रीना

रीना ने उप्र सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई।उन्होंने कहा कि उनकी ही तरह और भी डिजायनर यूपी के शिल्प को फैशन इंडस्ट्री की पहचान बनाना चाहते हैं। रीना ने मंगलवार को उन्नाव में जरी-जरदोजी के शिल्पियों से भेंट कर उनकी कार्यशैली, मशीन, तकनीक और बाजार के बारे में जानकारी प्राप्त की।

शिल्पकारों को दी जा रही हैं जरूरी प्रशिक्षण

अपर मुख्य सचिव MSME नवनीत सहगल ने बताया कि शिल्पकारों को आधुनिकता के लिहाज से जरूरी प्रशिक्षण दिलाने के लिए अलग-अलग स्तरों पर काम चल रहा है। फैशन इंडस्ट्री के नामचीन डिजायनरों से भी इन्हें गाइडेंस मिलेगी, जो न केवल यूपी की कलाकारी को नई पहचान देगी, बल्कि शिल्पकारों को नया बाजार दिलाने में भी सहायक होगी।

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