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पीएसईजीपी के तहत ऋण में 3 साल तक ब्याज से राहत-डा. नवनीत सहगल
स्वीकृत आवेदन पत्रों के सापेक्ष 2400 इकाइयों की स्थापना हो चुकी है, जिसमें 90.30 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी प्रदान की गई है। स्थापित इकाइयों के माध्यम से 19200 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत 285.39 करोड़ रुपये के अनुदान के 9414 ऋण आवेदन बैंकों के पास लम्बित हैं। उन्होंने बैंक अधिकारियों से आग्रह किया कि वे लम्बित आवेदन पत्रों को 15 फरवरी तक निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
लखनऊ: खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव डा. नवनीत सहगल ने कहा है कि लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर सुलभ कराने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्य क्रम (पीएमईजीपी) एक महात्वाकांक्षी योजना है। सरकार का प्रयास है कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सुगमता से ऋण मिले। बैंकों को इस दिशा में और संवेदनशील होकर इस योजना के क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए पीएमईजीपी के तहत लिये गये ऋण पर 03 साल तक ब्याज उपादान दे रही है।
डा. सहगल आज केन्द्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, उद्योग निदेशालय, उप्र तथा खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड और बैंकर्स के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय गन्ना संस्थान में आयोजित एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्य शाला की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक बैंक वित्त पोषित शाखाओं द्वारा कुल 4507 ऋण आवेदन पत्रों की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें 165.88 करोड़ रुपये का मार्जिन मनी/अनुदान उपलब्ध कराया गया।
लंबित आवेदनों का 15 फरवरी तक निस्तारण करें
स्वीकृत आवेदन पत्रों के सापेक्ष 2400 इकाइयों की स्थापना हो चुकी है, जिसमें 90.30 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी प्रदान की गई है। स्थापित इकाइयों के माध्यम से 19200 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत 285.39 करोड़ रुपये के अनुदान के 9414 ऋण आवेदन बैंकों के पास लम्बित हैं। उन्होंने बैंक अधिकारियों से आग्रह किया कि वे लम्बित आवेदन पत्रों को 15 फरवरी तक निस्तारण करना सुनिश्चित करें।
प्रमुख सचिव ने कहा कि पीएमईजीपी योजना के तहत प्रदेश में रोजगार सृजन हेतु 8591 इकाइयों की स्थापना के सापेक्ष मार्जिनमनी सब्सिडी के रूप में 257.72 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 68728 व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को समय से प्राप्त करने के लिए गम्भीरता से प्रयास किये जा रहें है, ताकि लोगों को स्वयं के रोजगार स्थापित करने में कोई कठिनाई न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर माह बैकर्स के साथ बैठक कर ऋण आवेदन-पत्रों के निस्तारण में प्रभावी भूमिका निभाएं। लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अधिकारियों को ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। रोजगार उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है।
लक्ष्यों की पूर्ति के प्रयास करें
डा. सहगल ने कार्य शाला में पीएमईजीपी के क्रियान्वयन की विस्तार से समीक्षा की। सभी कार्य दायी संस्थाओं को निर्देश दिए गये कि इस महात्वाकांक्षी कार्य क्रम के लिए निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु सभी सम्भव प्रयास किये जायं। उन्होंने पुनः सभी बैक प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे लम्बित परियोजनाओं के प्रस्तावों को शीघ्रातिशीघ्र स्वीकृत करके मार्जिनमनी अनुदान प्राप्त करने की कार्य वाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इसस राज्य में नई औद्योगिक इकाइयों का सृजन हो सकेगा तथा बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार मिल सकेगा।
कार्यशाला में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के राज्य निदेशक एसके मिश्रा, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग गोरखपुर के मण्डलीय उपनिदेशक एसएस धनकड़ सहित एसएलबीसी व बैंक ऑफ बड़ौदा के संयोजक के अलावा जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र के सभी जिलों के उपायुक्त, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, आयोग के जिला समन्वयक एवं विभिन्न बैंकों के उप महाप्रबंधक, आंचलिक अधिकारी एवं अग्रणी जिला प्रबंधकों ने भाग लिया।