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बुद्ध प्रदेश की मांग को लेकर 27 जिलों के प्रतिनिधियों ने किया पैदल मार्च

1जनवरी सन् 1818 भीमा कोरेगांव संग्राम दिवस की 201 वीं वर्षगांठ को सर्वोच्च शौर्य दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।इसी क्रम में आज पूर्वांचल सेना के नेतृत्व में बुद्धा लैंड की मांग की गई। जिसमें 27 जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

Anoop Ojha
Published on: 1 Jan 2019 5:11 PM IST
बुद्ध प्रदेश की मांग को लेकर 27 जिलों के प्रतिनिधियों ने किया पैदल मार्च
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गोरखपुर: 1जनवरी सन् 1818 भीमा कोरेगांव संग्राम दिवस की 201 वीं वर्षगांठ को सर्वोच्च शौर्य दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।इसी क्रम में आज पूर्वांचल सेना के नेतृत्व में बुद्धा लैंड की मांग की गई। जिसमें 27 जिलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।इस दौरान सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होकर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होते हुए प्रतिनिधियों ने एक विशाल जुलूस निकाला और प्रदेश व केंद्र सरकार से जल्द से जल्द बुद्धा लैंड की स्थापना की मांग की। पैदल मार्च की शुरुआत गोरखपुर के नॉर्मल ग्राउंड से की गयी, बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं ने इस मार्च में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।इस दौरान प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के वादाखिलाफी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इन लोगों का मानना है कि 27 जुलाई को जिलों को मिलाकर एक प्रदेश की स्थापना होनी चाहिए और क्योकि इन 27 जिलों में भगवान बुद्ध से जुड़ी हुई तमाम स्मृति मिलती है।हमें भी तमाम सुविधाएं मिलनी चाहिए, जो अन्य राज्यों के लोगों को मिलती हैं।

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बुद्ध प्रदेश में आने वाले संभावित जिले

बुद्धा लैंड बुद्ध प्रदेश समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, स्थापना की समग्र क्रांति की मांग को लेकर बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, प्रतापगढ़, जौनपुर, मऊ, बलिया, कौशांबी, इलाहाबाद, संत रविदास नगर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र के प्रतिनिधियों ने एक विशाल जुलूस का आयोजन किया।

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पूर्वांचल सेना के नेतृत्व में पैदल मार्च

इस अवसर पर पूर्वांचल सेना के प्रमुख धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश को बुद्धा लैण्ड के नाम से अलग राज्य का दर्जा दिलाया जाने की मांग को लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के 27 जिलों के प्रतिनिधियों के द्वारा यह पैदल मार्च पूर्वांचल सेना के नेतृत्व में किया जा रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस विषय को लेकर के वर्ष 2011 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्यों के विभाजन का प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इसको अभी तक राज्य पुनर्गठन अधिनियम नहीं लाया गया है और राज्यों का बंटवारा नहीं हो पाया है।आज हम पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग सभी प्रतिनिधियों के साथ मिलकर के गोरखपुर में यह पैदल मार्च करके केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग कर रहे हैं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के 27 जिलों को बुद्धा लैंड के नाम से अलग राज्य का दर्जा दिया जाए।

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पूरी दुनिया के बुद्धिस्ट एक बार यहां जरूर आना चाहते हैं

उन्होंने कहा, जिस प्रकार से मुस्लिम धर्म के लोग मक्का मदीना जाना चाहते हैं, उसी तरह से बुद्ध के नाम पर पूरी दुनिया के बुद्धिस्ट एक बार यहां जरूर आना चाहते हैं।लेकिन हमारी सरकारों ने अभी तक कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना नहीं कर पाई है। कुशीनगर को डायरेक्ट ट्रेन सेवा से नहीं जोड़ा गया है।, जिसकी वजह से पर्यटन उद्योग यहां पर काफी पिछड़ा हुआ है।अगर बुद्ध के नाम पर हमारे देश के प्रधानमंत्री दूसरे देशों में जाकर कहते हैं कि हम बुद्ध के देश से आए हैं तो वह क्यों नहीं इस क्षेत्र को बुद्धा लैण्ड के नाम से अलग राज्य का दर्जा दे रहे हैं।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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