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गणतंत्र दिवस: डीएम के सामने फुट-फुटकर रोई स्वतंत्रता सेनानी की बेटी, बताई ये वजह

जब अपना दर्द स्वतंत्रता सेनानी की बेटी ने डीएम के सामने सुनाना शुरू किया तो प्रशासनिक अधिकारियों मे हङकंप मच गया। कार्यक्रम के दौरान उसने कहा कि अंग्रेजों ने मेरे पिता जी हाथ काट दिए। वह स्वतंत्रता सेनानी है। लेकिन जिला प्रशासन को उनकी याद सिर्फ 26 जनवरी के दिन आती है।

Aditya Mishra
Published on: 26 Jan 2019 6:28 AM GMT
गणतंत्र दिवस: डीएम के सामने फुट-फुटकर रोई स्वतंत्रता सेनानी की बेटी, बताई ये वजह
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शाहजहांपुर: गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकारी कार्यक्रम मे स्वतंत्रता सेनानी का दर्द फूट पड़ा। जिला कलेक्ट्रेट मे डीएम द्वारा ध्वजारोहण किया गया। जिसमे स्वतंत्रता सेनानी की बेटी को बुलाया गया था। लेकिन जब कार्यक्रम मे स्वतंत्रता सेनानी की बेटी को बोलने का मौका मिला तो वह जिला प्रशासन की तारीफ नही कर सकी।

स्वतंत्रता सेनानी की बेटी का दर्द उसके आंखो से छलकने लगा। ये बेटी जिला कलेक्ट्रेट मे पिछले 40 साल से ध्वजारोहण के कार्यक्रम में शिरकत कर रही है। लेकिन इस बेटी को अभी तक सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल सका है। जब अपना दर्द बेटी ने डीएम के सामने सुनाना शुरू किया तो प्रशासनिक अधिकारियों मे हङकंप मच गया। कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्रता सेनानी की बेटी ने कहा कि अंग्रेजों ने मेरे पिता जी हाथ काट दिए। वह स्वतंत्रता सेनानी है। लेकिन जिला प्रशासन को उनकी याद सिर्फ 26 जनवरी के दिन आती है।

दरअसल गणतंत्र दिवस के मौके पर जिला कलेक्ट्रेट मे डीएम अमृत त्रिपाठी ने ध्वजारोहण किया। इस कार्यक्रम मे स्वतंत्रता सेनानी महेश नाथ मिश्रा के सम्मान मे उनकी बेटी राजेश्वरी मिश्रा को बुलाया गया था। ध्वजारोहण के बाद एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमे डीएम से लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

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जिसमे स्वतंत्रता सेनानी की बेटी राजेश्वरी मिश्रा को बोलने का मौका दिया गया। राजेश्वरी मिश्रा जब बोलने के लिए आई और उन्होंने बोलना शुरू किया तो उनके आंखों से आंसू छलकने लगे। उन्होंने डीएम के सामने ऐसे मौके पर अपना दर्द ब्यान किया जब गणतंत्र दिवस की सभी खुशिया मना रहे थे। राजेश्वरी देवी ने कहा कि मेरे पिता जी ने देश के लिए अपने हाथ अंग्रेजों से कटवा दिए। हम उनकी बेटी है।

लेकिन मेरी स्थिति ये है कि मेरे पास खाने के लिए कुछ नही है। हमे अभी तक सरकार की तरफ से कोई पेंशन नही मिल रही है। मेरे पास घर है लेकिन टूटा हुआ है। जिस पर तिरपाल लगा है। बरसात होती है तो घर मे पानी भर जाता है। वह पिछले चालीस साल से जिला कलेक्ट्रेट मे गणतंत्र दिवस के मौके पर शिरकत कर रही है। जिला प्रशासन खुद हमे यहां पर बुलाता है।

लेकिन जब सरकारी योजना का लाभ देने का नंबर आता है तो सभी अधिकारी भूल जाते है। यहां के कौशल अधिकारी ने कहा था कि तुम स्वतंत्रता सेनानी विवाहित बेटी हो इसलिये तुम्हे कोई लाभ नही मिल सकता। राजेश्वरी मिश्रा का कहना है कि आखिर स्वतंत्रता सेनानी मेरे पिता जी थे। उनके अंग्रेजों ने हाथ काट दिए थे।

कहा कि हम अपने पति से अलग रहते है। मेरे बच्चे भी हमारा साथ नही देते है। ऐसे मे मेरे पिता जी ही मेरे सबकुछ थे। तो फिर क्यों नही हमे सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल सकता। उनका कहना है कि मेरे पास पैसे नही है। कुछ ट्यूशन पङाकर कुछ पैसे कमा लेते है। जिससे रोटी मिल जाती है। मेरी स्थिति बेहद खराब है। हमें मदद की जरूरत है।

हालाँकि कार्यक्रम खत्म होने के बाद हम newstrack के संवाददाता ने उनसे पूछा कि क्या डीएम सहाब ने आपको कोई आश्वासन दिया तो वह रो रोकर कहने लगी कि पिछले चालिस साल से हमे दर्जनों डीएम सहाब ने आश्वासन दिया है। लेकिन किसी ने पूरा नही किया। इसलिये मेरी मदद ये डीएम सहाब करेंगे ऐसा हमे नही लगता है।

वही डीएम अमृत त्रिपाठी ने कहा कि आज के कार्यक्रम मे स्वतंत्रता सेनानी की बेटी को इसलिए बुलाया गया था कि उनको जो परेशानी होगी उसको दूर किया जाएगा। उनको जल्द ही पेंशन मिलने लगेगी। हमने अभी अधिकारियों को आदेश दिया है कि स्वतंत्रता सेनानी की जो दिक्कतें है उनको दूर किया जाए।

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Aditya Mishra

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