MP News: शिल्पी प्लाजा में दो पक्षों में जमकर हुई मारपीट, युवक का सर फटा

MP Latest News: शिल्पी प्लाजा चौकी अखबार के पन्नो तक ही सीमित रह गयी है। चौकी पर हमेशा ताला लटकता रहता है। चौकी में कभी पुलिस कर्मी नहीं रहते ही हैं।

Amar Mishra (Rewa)
Published on: 12 Nov 2022 4:46 PM GMT
X

रीवा में मारपीट (न्यूज नेटवर्क)

MP Latest News: शिल्पी प्लाजा चौकी अखबार के पन्नो तक ही सीमित रह गयी है। चौकी पर हमेशा ताला लटकता रहता है। चौकी में कभी पुलिस कर्मी रहते ही नहीं हैं। जिसके चलते शिल्पी प्लाजा के पास अपराध तेजी से बढ़ रहा है। चौकी केवल नाम मात्र के लिए है और जिले में अपराधियों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। जहाँ एक ओर लूट की घटना को मुख्य बाजार में अंजाम दिया गया वही दो पक्ष शराब के नशे में करीब आधा घंटा हंगामा मचाते रहे।

गनीमत रही कि पुलिस को तो यह अपराधी नही दिखे लेकिन यहां आपस मे चर्चा करते हुए खड़े पत्रकारों ने इन बेखौफ नशेड़ियों को शांत कराया और जान जोखिम में डालकर नशेड़ियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। जानकारी के मुताबिक शिल्पी प्लाजा में पटवारी प्रशिक्षण शाला के समीप दो पक्ष नशेड़ियों के आपस मे विवाद करने लगे। दोनो पक्षों के बीच आपस में बातचीत गाली गलौज से शुरू हुआ विवाद अचानक से बढ़ गया और दोनों पक्षों के बीच मारपीट होने लगी। एक दूसरे पर युवकों ने बेल्ट पत्थर और लात घूसों से हमला कर दिया।

मामला बढ़ता रहा। जब पुलिस आस पास नही दिखी तो पत्रकारों व कांग्रेस नेता ने दोनों पक्षो को शांत कराया। हालांकि इस दौरान वह पत्रकारों से भी भिड़ने को आगे हुए। लेकिन पत्रकारों व कांग्रेस नेता ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि पत्रकार मोर्चा नही संभालते तो बड़ी वारदात को अंजाम आपस मे लड़ रहे युवक दे देते क्योंकि वह एक दूसरे पर प्राणघातक हमला कर रहे थे।

बता दें कि पूर्व में पुलिस चौकी को हटाकर नई चौकी का निर्माण कराया गया है। मगर चौकी मात्र खानापूर्ति तक ही सीमित रह गई है। पुलिसकर्मियों के द्वारा चौकी में ताला लगा दिया जाता है और वहां पर पुलिसकर्मी नहीं दिखाई देते हैं। जिसके चलते अपराधिक प्रवृति के लोग मारपीट की घटनाओं को आए दिन अंजाम दे रहे हैं। शिल्पी प्लाजा के पीछे पार्किंग नंबर 17 में असामाजिक तत्वों का सुबह से लेकर रात्रि 12:00 बजे तक जमावड़ा लगा रहता है। जो किसी दिन एक बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

Next Story