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Padma Shri 2023: काशी के दो दिग्गजों को मिला पद्मश्री सम्मान, पं.ऋत्विक सान्याल और प्रो.मनोरंजन साहू ने बढ़ाया प्रदेश का मान
Padma Shri 2023: मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान दिए जाने का ऐलान किया गया है। काशी की दो हस्तियों को पदम पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
Padma Shri 2023: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित किए गए पद्म सम्मानों में उत्तर प्रदेश की आठ हस्तियों के नाम शामिल हैं। इन हस्तियों में उतर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी दिग्गज रहे मुलायम सिंह यादव का नाम भी शामिल है। मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण सम्मान दिए जाने का ऐलान किया गया है। काशी की दो हस्तियों को पदम पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
केंद्र सरकार की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संगीत एवं मंच कला संकाय के गायन विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर पंडित ऋत्विक सान्याल और शल्य चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर मनोरंजन साहू को पद्मश्री सम्मान दिया गया है। इस सम्मान पर संगीतज्ञों और बीएचयू के चिकित्सकों ने खुशी जताई है।
बाबा विश्वनाथ को समर्पित किया सम्मान
सम्मान की घोषणा किए जाने के बाद पं.ऋत्विक सान्याल ने कहा कि मुझे मिला यह पुरस्कार संगीत जगत और बाबा विश्वनाथ को समर्पित है। पंडित सान्याल की संगीत यात्रा माता रानू सान्याल के सानिध्य में शुरू हुई थी। पं.सान्याल मूलतः कटिहार के रहने वाले हैं और ध्रुपद गायकी के क्षेत्र में उन्होंने काफी नाम कमाया है। पिछले करीब 40 वर्षों से वे दुनिया के 50 अलग-अलग देशों में ध्रुपद के प्रसार के लिए कोशिश में जुटे हुए हैं।
उन्होंने डागर घराने के वीणावादक उस्ताद जिया मोइनुद्दीन डागर और गायक उस्ताद जितया फरीदुद्दीन डागर के सानिध्य में ध्रुपद गायकी की तालीम हासिल की। बाद में उन्होंने ध्रुपद गायकी के क्षेत्र में काफी प्रसिद्धि हासिल की।
पहले भी मिल चुके हैं कई बड़े सम्मान
वे बीएचयू के संगीत एवं मंच कला संकाय में विभागाध्यक्ष के साथ ही ही संकाय प्रमुख भी रहे हैं। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उन्होंने काफी नाम कमाया है और उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, उत्तर प्रदेश रत्न और ध्रुपद सम्मान भी हासिल हो चुका है।
पद्मश्री सम्मान को बाबा विश्वनाथ को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि पुरस्कार और सम्मान से आगे और बेहतर करने की प्रेरणा हासिल होती है। उन्होंने कहा कि इससे जिम्मेदारी का एहसास होता है कि हमें आगे चलकर अभी और भी काम करना है।
क्षारसूत्र चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ हैं प्रो.मनोरंजन
काशी के ही प्रोफेसर मनोरंजन साहू को भी पद्मश्री सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई है। प्रोफेसर मनोरंजन साहू बीएचयू आयुर्वेद संकाय के पूर्व प्रमुख हैं। वे क्षारसूत्र चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ माने जाते हैं। प्रोफेसर साहू मूलत: बंगाल के रहने वाले हैं और उन्होंने क्षारसूत्र को नई पहचान दिलाई है। भगंदर का क्षार सूत्र इलाज विकसित करने के साथ ही उन्होंने इस इलाज में उपयोग होने वाले आयुर्वेदिक धागे की भी खोज की थी। उन्होंने क्षार सूत्र चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में कई चिकित्सकों को प्रशिक्षित भी किया है। क्षारसूत्र चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में उनके कई शिष्य देशभर में फैले हुए हैं।
आयुर्वेद जगत के प्रति बढ़ेगा विश्वास
पद्मश्री सम्मान दिए जाने की घोषणा पर प्रतिक्रिया जताते हुए प्रोफेसर साहू ने कहा कि यह सम्मान शल्य चिकित्सा और चिकित्सकों का सम्मान है। मुझे पद्मश्री सम्मान देकर सरकार ने आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा को सम्मान दिया है। इस सम्मान से यह भी साफ हो गया है कि सरकार आयुर्वेद चिकित्सा को पुनर्स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान लोगों के मन में आयुर्वेद जगत के प्रति विश्वास की भावना को और मजबूत बनाएगा।