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यमुना प्रदूषण: होटलों, अस्पतालों, माॅल व व्यवसायिक संस्थानों पर कार्रवाई का निर्देश
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना नदी में गंदा पानी डाल रहे उद्योगों व होटल, माॅल, हास्पिटल सहित व्यवसायिक संस्थानों को चिन्हित कर कार्यवाई करने का निर्देश दिया है और 9 अगस्त 17 को कार्यवाही रिपोर्ट के साथ हलफनामा मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि गंदे नाले नदी में जाने से रोकने के क्या कदम उठाये हैं तथा कौन से कदम उठाये जा रहे हैं? समयबद्ध योजना बनाकर कड़ाई से पालन किया जाए। कोर्ट ने आदेश की जानकारी नगर आयुक्त इलाहाबाद को भी देने को कहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की खण्डपीठ ने आद्या प्रसाद श्रीवास्तव व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि इलाहाबाद शहर के तेरह नाले सीवर की गंदगी के साथ सीधे यमुना नदी में गिर रहे हैं। इनका शोधन नहीं किया जा रहा हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने एम.सी.मेहता केस में सभी स्थानीय निकायों को 1988 में ही आदेश दिया है कि किसी भी प्रकार का गंदा पानी बिना शोधित नदी मंे न जाने पाए। इसके बावजूद यमुना में गंदे नाले सीधे गिर रहे हैं। याचिका की सुनवाई 9 अगस्त को होगी।
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