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RO/ARO Paper Leak: लखनऊ के डॉ. शरद यादव ने कराया था पेपर लीक, माल के बाहर रटवाए गए थे उत्तर

RO/ARO Paper Leak: एसटीएफ ने डॉ. शरद यादव ने नाम के अलावा और जिस मॉल के बार अभ्यर्थियों को उत्तर रटवाए गए थे, उसका खुलासा अभी नहीं किया है। एसटीएफ की कहना है कि शरद यादव की गिरफ्तारी के बाद भी सभी जानकारी सामने आए पाएगी।

Viren Singh
Published on: 8 April 2024 9:58 AM IST (Updated on: 8 April 2024 11:32 AM IST)
RO/ARO Paper Leak: लखनऊ के डॉ. शरद यादव ने कराया था पेपर लीक, माल के बाहर रटवाए गए थे उत्तर
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RO/ARO Paper Leak: यूपी में नौकरी प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक मामला योगी सरकार के लिए मुसीबत बन गया है। इस पर सरकार ने सख्त रूख आखित्यार किया है और जांच में लगीं एजेंसियां ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए लीक में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले कह चुके हैं कि पेपर लीक शामिल आरोपियों को नेस्तनाबूत कर दिया जाएगा। बीते महीने आयोजित हुई समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) की परीक्षा के पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पेपर लीक की जांच में जुटी एसटीएफ ने कहा कि आरओ/एआरओ की परीक्षा के दो पेपर एक की परीक्षा केंद्र से आउट किये गए थे। इसे लखनऊ के डॉ. शरद यादव ने आउट करवाया था।

दोनों पालियों से आउट हुआ था पेपर

एसटीएफ बताया कि एक परीक्षा केंद्र से दोनों पालियों से एक-एक पेपर शरद यादव ने आउट करवाए थे। यादव ने पेपर के प्रश्नों की उत्तरकुंजी तैयार कर वाट्सएप पर भी प्रसारित की गई थी। शरद यादव ने लखनऊ के एक मॉल के पास अभ्यर्थियों को उत्तर रटवाए थे। एसटीएफ को यह जानकारी आरओ/एआरओ के पेपर लीक का मास्टरमांइड प्रयागराज निवासी राजीव नयन और अन्य आरोपियों से पूछताछ से पता चली है। यह सभी आरोपी एसटीएफ की हिरासत में है।

अभी गिरफ्तर से बाहर यादव

हालांकि एसटीएफ ने डॉ. शरद यादव ने नाम के अलावा और कुछ नहीं और जिस मॉल के बार अभ्यर्थियों को उत्तर रटवाए गए थे, उसका खुलासा अभी नहीं किया है। एसटीएफ की कहना है कि शरद यादव की गिरफ्तारी के बाद भी सभी जानकारी सामने आए पाएगी। एसटीएफ के मुताबिक, बीते 11 फरवरी, 2024 को आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा की पहली पाली में सामान्य अध्ययन के पेपर की एक सीरीज के करीब 99-100 प्रश्नों का उत्तर वाट्सएप पर प्रसारित हुआ था। दूसरी पाली में सामान्य हिंदी के प्रश्नपत्र के करीब 25-26 सवालों के उत्तर प्रसारित किया गया था। उत्तर लिखवाकर अभ्यर्थियों को भेजा गया था, मगर अभ्यर्थी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे। बाद में उन्हें विश्वास किया। तब उत्तर पाने वाले अभ्यर्थियों से पैसे की मांग शुरू की गई थी।

राजीव नयन और साथियों ने तय किया कि पैसा देने वाले अभ्यर्थियों को पेपर देकर रटवाया जाए, जिससे वह उत्तर लिखकर उत्तीर्ण हो सकें। इसी के तहत लखनऊ के माल के पास और नैनी के एक अस्पताल में करीब 50-55 अभ्यर्थियों को पेपर और उत्तर रटवाए गए थे। एसटीएफ ने बताया कि राजीव ने बयान में कहा है कि उसे बिहार के मधुबनी का सुभाष प्रकाश ने पेपर मुहैय्या करवाया था। इसके लिए उसने पैसे भी दिये थे। यह दोनों पहले संस्थानों में एडमिशन कराने का काम करता था। दोनों भोपाल से काम शुरू किया था, लेकिन बाद वह सॉल्वर गैंग में शामिल हो गए।



Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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