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Road Accidents in UP: सड़क दुर्घटनाओं में मौतों के मामले में यूपी देश में पहले नंबर
Road Accident In UP: यूपी राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की कुल संख्या के मामले में सबसे ऊपर है।
Road Accident In UP: बेहतर मानक पर निर्मित सड़कों के नेशनल हाईवे अथॉरिटी के दावों, सड़क सुरक्षा को लेकर किये जा रहे नित नये प्रयासों के बावजूद उत्तर प्रदेश ने प्राणघातक सड़क हादसों के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। घातक सड़क हादसों के मामले में उत्तर प्रदेश ने आंकड़ों में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है। कम से कम आंकड़े तो यही बताते हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की कुल संख्या के मामले में सबसे ऊपर है, जबकि दूसरे नेशनल हाइवे या राज्य राजमार्गों में हुई मौतों की सड़क की संख्या के चार्ट में भी यह सबसे ऊपर है। आंकड़े देश भर में 2020 में दुर्घटना में हुई मौतों पर आधारित हैं।
प्रदेशों में तीन लाख 66 हजार 138 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज
2020 में, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तीन लाख 66 हजार 138 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से एक लाख 16 हजार 496 यानी लगभग 32 फीसदी राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुईं इन हादसों में 47 हजार 984 अर्थात लगभग 36 फीसदी से अधिक लोगों की मौत हो गई और एक लाख नौ हजार 898 लगभग 31 फीसद से अधिक लोग घायल हुए।
रिपोर्ट से यह बात उभर कर आती है कि 31.8 फीसद दुर्घटनाओं, 36.4 फीसद मौतों और 31.6 फीसद दुर्घटनाओं की घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुईं हैं जो देश में कुल सड़क नेटवर्क का केवल 2.1 फीसद हिस्सा है। इस पर ध्यान देने दिये जाने की जरूरत है। रिपोर्ट में राजमार्गों पर अधिक दुर्घटनाओं के लिए उच्च वाहन गति और इन सड़कों पर यातायात के अत्यधिक दबाव को जिम्मेदार ठहराया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में अकेले उत्तर प्रदेश में 16.4 फीसद मौतें हुई हैं, जबकि महाराष्ट्र (7.4 फीसद) और कर्नाटक (6.9 फीसद) का स्थान इसके बाद आता है। इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं।
2022 में सड़क दुर्घटनाओं के 13 हजार 695 मामले
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 2020 में यूपी में राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं के 13 हजार 695 मामलों में 7 हजार 859 लोग मारे गए, इन आंकड़ो के चलते ही यह घातक दुर्घटनाओं के मामले में भारत का सबसे खराब राज्य बन गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दर्ज वर्ष 2020 में यूपी में 10,492 दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें एनएचएआई के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर 5,984 लोग मारे गए, जबकि पीडब्ल्यूडी के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2,159 दुर्घटनाओं में 1,265 लोगों की मौत हुई। अन्य विभागों के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों (एक्सप्रेसवे) पर 1,044 हादसों में 610 लोगों की मौत हुई।
योगी आदित्यनाथ द्वारा संचालित राज्य 2020 में राज्य के राजमार्गों पर सबसे अधिक मौतों (5,825) की रिपोर्ट की सूची में सबसे ऊपर है, लेकिन राज्य राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं (10,555) की संख्या के मामले में, यूपी तीसरे स्थान पर है। इसके मुताबिक 2020 में यूपी द्वारा दर्ज की गई 19,149 सड़क दुर्घटनाओं में से 13,684 सड़क हादसे राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर ही हुए हैं।
सेवलाइफ फाउंडेशन के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीयूष तिवारी ने कथित तौर पर कहा है कि खराब सड़क इंजीनियरिंग और यातायात नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन दो सबसे बड़े कारण हैं कि राज्य को सड़क दुर्घटना में नंबर एक के रूप में स्थान दिया गया है