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Sonbhadra News: 27 साल बाद दुरूस्त हुई टांड के डौर उर्फ राबटर्सगंज की खतौनी, हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर हुई पहल

Sonbhadra News: याचिका में कहा गया था कि इस एरिया की वर्ष में तीन बार पड़ताल करते हुए नानजेडए खसरा-खतौनी तैयार करना तथा अभिलेख अद्यतन रखना लेखपाल की जिम्मेदारी है

Kaushlendra Pandey
Published on: 1 Oct 2022 5:01 PM GMT
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Sonbhadra News (Social Media)

Sonbhadra News: हाईकोर्ट के हस्तक्षेप और डीएम की सख्ती के चलते 27 साल बाद, जमींदारी व्यवस्था के तहत टांड के डौर उर्फ राबट्सगंज की खतौनी का रिकर्ड पूरी तरह दुरूस्त हो गया है। राजस्व कर्मियों की तरफ से इससे जुड़े रिकर्डों की एक प्रति संबंधित जमींदारी पारसनाथ अग्रहरि को उपलब्ध करा दी गई। नगर लेखपाल विश्वंभरनाथ, बढ़ौली लेखपाल हृदेश कुमार सिंह, सदर कानूनगो घनश्याम सिंह पटेल ने पट्टा रजिस्टर, जमींदारी घेवट, 1429 फसली खतौनी, जमींदारी खतौनी 1429 फसली का रिकर्ड सौंपा। इसके साथ ही, पिछले कई सालों से राबटर्सगंज नगर में टांड के डौर वाले हिस्से में जमींदारी और राजस्व महकमे के बीच, खतौनी सहित अन्य रिकर्डों को लेकर चल रही गतिरोध की स्थिति समाप्त हो गई।

बताते चलें कि टांड के डौर उर्फ राबर्ट्सगंज में अपने को अमरनाथ महाल का जमींदार बताने वाले पारसनाथ अग्रहरी ने अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्रा के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर खतौनी सहित अन्य रिकार्ड दुरूस्त करने का आदेश दिए जाने की मांग की थी। दलील दी थी कि राबर्ट्सगंज के एक हिस्से में जमींदारी विनाश कानून के प्रावधान लागू नहीं है। बावजूद जिला प्रशासन 1995 से अब तक, इससे जुड़ा रिकॉर्ड मेंटेन नहीं कर रहा है। याचिका में कहा गया था कि इस एरिया की वर्ष में तीन बार पड़ताल करते हुए नानजेडए खसरा-खतौनी तैयार करना तथा अभिलेख अद्यतन रखना लेखपाल की जिम्मेदारी है।

इसके लिए डीएम को निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन से जानकारी मांगी जिस पर डीएम की तरफ से लापरवाही के लिए 12 लेखपालों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे और दो माह के भीतर खतौनी रिकार्ड दुरूस्त कराने का कथन हाईकोर्ट में दाखिल किया था। तत्कालीन डीएम के तबादले के बाद खतौनी लेखन का काम एक बार फिर से धीमा कर दिया गया। इस पर पारस अग्रहरि की तरफ से अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्रा के जरिए पिछले दिनों हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की, जिस पर हाईकोर्ट ने एक माह में आदेश के अनुपालन के निर्देश दिए।

इस पर डीएम की तरफ से दिखाई गई सख्ती के बाद, रिकर्ड लेखन का कार्य दुरूस्त करते हुए, दो-तीन दिन पूर्व सारा रिकर्ड लेखपाल और कानूनगो की तरफ से, मामले के याचिकाकर्ता पासनाथ अग्रहरि को सौंप दिया गया। सेलफोन पर अग्रहरि ने बताया कि सारे रिकार्ड उन्हें मिल गए हैं। अब कोई रिकर्ड शेष नहीं है। बताते चलें कि जिला मुख्यालय स्थित राबटर्सगंज शहर में एक बड़ी एरिया टांड के डौर के नाम से राजस्व रिकर्ड में दर्ज है और सुनने में यह बात भले ही अटपटा लगे लेकिन इसके बड़े हिस्से में अभी भी जमींदारी व्यवस्था कायम है।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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