Bareilly Police Video: यूपी पुलिस की क्रूरता का CCTV फुटेज, दिव्यांग दुकानदार को दौड़ा दौड़ा कर पीटा

Bareilly Police Video Viral: बरेली पुलिस ने दिव्यांग को सड़क पर पकड़ लिया और उसे दौड़ाकर पीटने लगे।

Sandeep Mishra
Report Sandeep MishraPublished By Ragini Sinha
Published on: 11 Nov 2021 11:54 AM GMT
Bareilly police beaten Divyang
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बरेली पुलिस ने दिव्यांग को पीटा (social media)

Bareilly Police Video Viral: सूबे की पुलिस की निरकुंशता गरीब तबके के लोगों के लिये लगातार बढ़ती जा रही है। एक मछली बेचने वाले दिव्यांग युवक (Divyang yuvak ki berahami se pitai) से वसूली करने गए दो पुलिस कर्मियों (Bareilly police) ने उसे दौड़ा दौड़ा कर पीटा। ऐसा लग रहा था कि जैसे वो माफिया मुख्तार की गैंग (gang of mafia mukhtar) का कोई सदस्य हो। पुलिस की यह निरंकुशतापूर्ण घटना वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे (CCTV main kaid hui ghatna) में कैद हो गयी। यह घटना सूबे के बरेली जनपद की है। बाद में जब इस घटना का वीडियो (Bareilly Police Video Viral) सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब एसएसपी बरेली (SSP Bareilly) ने दोनो पुलिस कर्मियों को निलंबित (policeman suspended) कर दिया है।

ये था पूरा मामला

सूबे के जनपद बरेली के थाना बिथरी चैनपुर (Bithri Chainpur) क्षेत्र के गांव उड़ला जागीर में मछली बेचने वाले दिव्यांग कासिम (15) कस्बे में ही मछली बेच कर अपना व अपने परिवार का पेट पालने का काम करता है। थाने के दो सिपाही उसे मछली बेचने के नाम पर धन उगाही करने के लिए लगातार धमका रहे थे। जबकि वह मछली बेचने वाला युवक उनकी धमकियों में नही आ रहा था। गत दिवस थाने के दोनों उसे सड़क पर पकड़ लिया और उसे सड़क पर दौड़ाकर पीटने लगे। जब कासिम गिर गया। उसके बाद भी एक सिपाही उसे पीटता रहा। उसकी हालत गंभीर होने पर सिपाही छोड़कर भाग गए। परिजनों ने घायल दिव्यांग को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

लायसेंस चैक करने की परमीशन इन पुलिस वालों को किसने दी?

बरेली जनपद के शाहजहांपुर रोड (Shahjahanpur Road) के गांव उड़ला जागीर में रहने वाला दिव्यांग (Divyang ki pitai) कौसर गांव के चौराहे पर सड़क किनारे मछली बेचता है। कौसर का बेटा कासिम भी दिव्यांग है। वह उनके साथ ही मछली की दुकान पर बैठता है। परिजनों ने बताया कि बुधवार को कौसर दुकान से खाना खाने घर जा रहा था। इसी दौरान पीछे से एक बाइक पर थाने के दो सिपाही आ गये। उसे गालियां देते हुए पीछे से लात मारकर रोक लिया।

आरोप है कि सिपाहियों ने कासिम से मछली बेचने का लाइसेंस मांगा। उसने लाइसेंस होने से इंकार कर दिया। अब सवाल यह है कि इन पुलिसकर्मियों को इस मछली वाले का लाइसेंस चैक (licence check) करने का अधिकार किसने दिया? मछली की दुकान लगाने वाले दुकानदारों का लायसेंस चैक करने का अधिकार या तो मत्स्य विभाग के पास होता है या फिर फूड विभाग के पास होता है। इन दोनों विभाग की शिकायत पर ही पुलिस किसी मछली कारोबारी का लाइसेंस चैक कर सकती है लेकिन धन उगाही के चक्कर मे पुलिस अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर चली जाती है। इस केस में भी यही हुआ है।

इन मामलों से हो रही है सरकार की भद पीट रही है यूपी पुलिस

कुल मिलाकर पुलिस विभाग (police department) में कुछ पुलिसकर्मी ऐसे कारनामे कर रहे हैं जिनसे सरकार की छवि को चार चांद लग रहे हैं वहीं कुछ ऐसे भी पुलिसकर्मी हैं जो अपने ऐसे कारनामों से गरीब जनता के बीच पुलिस की तो किरकिरी करवा ही रहे हैं साथ ही सरकार की भी भद पीट रहे हैं।

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Ragini Sinha

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