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लखीमपुर तिकोनियाँ कांड: आज भी 45 मिनट का हिसाब नहीं दे पाए आरोपी, जेल में मिल रहा है सभी आरोपियों को VIP ट्रीटमेंट
Lakhimpur Kheri Hinsa : लखीमपुर तिकोनियाँ कांड में एसआईटी की टीम को 2बजकर 25 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट का हिसाब आरोपियों से चाहिए।
Lakhimpur Kheri Hinsa : लखीमपुर खीरी के पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के कार्यालय में तिकोनियाँ हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र, अंकित दास उसके ड्राइवर व इस कांड के चश्मदीद सुमित जयसवाल समेत सात आरोपियों से पूछताछ लंबी चली। एसआईटी इन सभी आरोपियों से 45 मिनट का हिसाब मांग रही है।
एसआईटी पूंछ रही है ये सवाल
एसआईटी की टीम को 2बजकर 25 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट का हिसाब आरोपियों से चाहिए।आशीष मिश्र, अंकित दास ,सुमित जयसवाल समेत सभी सातों आरोपियों से एसआईटी के अधिकारी ये सवाल आज दिन भर घुमा फिरा कर पूंछते रहे कि आप लोग कहाँ थे?घटना के समय आपकी लोकेशन क्या थी?
अगर आशीष मिश्र दंगल में थे तो फिर आपको इस घटना की सूचना किसने दी?अगर आप लोग डिप्टी सीएम के स्वागत में जा रहे थे तो फिर वैपन कहाँ से आये?डिप्टी सीएम के स्वागत में वैपन की क्या आवश्यकत थी?
एसआईटी ने मंत्री के पुत्र आशीष मिश्र से एक अलग तरह का यह भी प्रश्न किया कि आप पान खाने के शौकीन है इस दौरान आपने पान किससे मंगवाए थे?इस तरह से कई सवाल एसआईटी ने पूछ रही है।जिनके जवाबों से एसआईटी अभी भी सन्तुष्ट नहीं है।
स्वतंत्र गवाह भी बुलाये गए थे
जानकारी यह भी मिली है कि आज एसआईटी ने पूछताछ के लिये दो दर्जन उस कांड से सम्बंधित दो दर्जन गवाह भी बुलाये गए थे।इनसे भी सवाल जवाब एसआईटी ने किए थे।साथ ही रिमांड में लिए गए सभी आरोपियों की भी इन स्वतंत्र गवाहों से पहचान कराई गई है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा है पालन,काफी डरे सहमे हैं ये गवाह
एसआईटी से मिलने के बाद इन सभी गवाहों से कुछ स्थानीय पत्रकारों ने भी बातचीत की है।इस बातचीत के दौरान ये गवाह भी बेहद डरे सहमे दिखाई पड़े।स्मरण रहे कि तिकोनियाँ हिंसा कांड में अब तक सरकार की कार्यवाही को लेकर एक बार सुप्रीम कोर्ट पुलिस को फटकार लगा चुकी है।
साथ ही यूपी पुलिस को सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि इन स्वतंत्र गवाहों की सुरक्षा की व्यवस्था पुलिस करे । लेकिन इन गवाहों के साथ आज भी पुलिस की कोई भी सुरक्षा व्यवस्था साथ नहीं देखी गई है
।ये सभी गवाह तिकोनियाँ क्षेत्र के आसपास के रहने वाले हैं।अपना नाम न छापने की शर्त पर इन गवाहों ने बताया कि उन पर लागतार इस कांड से सम्बंधित गवाही न देने का दवाब बनाया जा रहा है।इन गवाहों पर इस बात का भी दवाब है कि वे आरोपियों के पक्ष में अपने एफिडेविट देने की तैयारी कर लें।
रिमांड से लेकर जेल के भीतर तक आरोपियों मिल रहा वीआईपी ट्रीटमेंट
मंत्री पुत्र आशीष मिश्र, अंकितदास समेत सभी आरोपी जेल की 20 नम्बर बैरक में बन्द हैं।जेल से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि इन सभी को वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है।जेल में बनने वाले भोजन की जगह घर से इन सभी आरोपियों के भोजन के टिफिन आते हैं।
बताया तो यहां तक गया है कि मंत्री के बेटे व अंकित दास की सेवा के लिये जेल के दो सिपाही व चार लम्बरदार तैनात किए गए हैं।ये सभी 20 नंबर बैरक के बाहर हर वक्त मंत्रीपुत्र व अंकितदास के आदेश को सुनने के लिये तैनात रहते हैं।बस ड्यूटी बदलने के दौरान जेल पुकिसकर्मियो व लंबरदारों के चहरे ही बदलते हैं।
बताया तो यह भी गया है कि अंकितदास के लिये जेल में अलग से कमोड की भी अस्थायी व्यवस्था भी की गई है।इसके साथ ही 20 नम्बर बैरक की तरफ किसी भी आम कैदी को जाने की इजाजत नहीं है।मंत्रीपुत्र की सुरक्षा का हवाला देकर जेल प्रशासन किसी भी आम कैदी को 20 नम्बर बैरक के आसपास भी नही फटकने देता है।
एसआईटी प्रभारी के हटाये जाने का बाद अब पूछताछ प्रभावित होने की चर्चाएं तेज
आज जिस वीआईपी ट्रीटमेंट के साथ मंत्रीपुत्र आशीष मिश्र, अंकितदास, सुमित जयसवाल समेत अन्य आरोपियों से पूछताछ की गई है,उसको लेकर अब कई सवाल खड़े होने लगे हैं। इस कांड की जांच कर रही एसआईटी प्रमुख उपेंद्र अग्रवाल के अचानक जांच के बीच में ही ट्रान्सफर कर दिए जाने से इस कांड की जारी जांच को लेकर लोगों के बीच निगेटिव चर्चा शुरू हो चुकी है।इस कांड की जांच कर रही एसआईटी टीम का कोई भी प्रमुख तैनात नहीं किया गया है।लोगों का अब यह तक मानना है कि अब जांच के नाम पर एसआइटी महज खानापूर्ति करने लगी है।
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