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Lakhimpur Kheri Kand: कांग्रेस ने टेनी के इस्तीफे को बनाया मुद्दा, टिकैत भी आए साथ
Lakhimpur Kheri Kand: अब कांग्रेस और राकेश टिकैत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे और उनके आरोपित बेटे आशीष मिश्र मोनू की गिरफ्तारी को मुद्दा बना दिया है।
Lakhimpur Kheri Kand: लखीमपुर खीरी कांड में एक दिन पहले योगी सरकार (Yopgi Government) जहां समस्या का समाधान करती दिखाई दे रही थी, वहीं अब कांग्रेस (Congress) और राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Kumar Mishra) के इस्तीफे और उनके आरोपित बेटे आशीष मिश्र मोनू (Ashish Mishra) की गिरफ्तारी को मुद्दा बना दिया है। प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा कि मुआवजा कोई इंसाफ नहीं है तो टिकैत ने भी तल्ख होते हुए कहा है कि जो लोग मुआवजा को इंसाफ बता रहे हैं वह अपना बैंक खाता नंबर (Bank Account Number) बता दें, उन्हें मुआवजे का पैसा ट्रांसफर (Money Transfer) करा दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश की राजनीति (Uttar Pradesh Ki Rajniti) में जमीन तलाश रही कांग्रेस को लखीमपुर कांड ने चर्चा में ला दिया है। कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने जिस तरह से योगी सरकार और भाजपा को इस मुद्दे पर घेरा है, उसने मजबूत विपक्ष के लिए कांग्रेस की दावेदारी को पुख्ता कर दिया है। लखीमपुर में किसानों के मारे जाने के बाद योगी सरकार ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा और अंतिम संस्कार कराने में तेजी दिखाई। राकेश टिकैत को बुलाकर समझौता भी कराया गया। लेकिन जेल से निकलने के बाद प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद माहौल फिर बदल दिया है।
जारी रहेगा संघर्ष
पीड़ित परिवारों के सदस्यों ने भी मुआवजा तक अपनी लड़ाई को सीमित नहीं करने का इरादा दिखाया है। शहीद हुए लवप्रीत की बहन मनप्रीत का तो एक दिन पहले ही बयान आ गया था कि हमें मुआवजा नहीं इंसाफ चाहिए। अब प्रियंका गांधी ने भी कहा है कि मुआवजा देना इंसाफ नहीं होता है। सरकार सबसे पहले आरोपित आशीष मिश्र मोनू को जेल भेजे और भाजपा उनके पिता अजय मिश्र टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करे। जब तक ऐसा नहीं किया जाता है तब तक संघर्ष जारी रहेगा। प्रियंका ने कहा जब तक केंद्रीय मंत्री को हटाया नहीं जाता है तब तक कांग्रेस का सत्याग्रह जारी रहेगा।
टिकैत ने भी मंत्री पुत्र को जेल भेजने को बताया समझौते का हिस्सा
पीड़ित परिवारों की प्रतिक्रिया और कांग्रेस की ओर से आए बयानों ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को भी कड़ा रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया है। एक दिन पहले जो टिकैत कह रहे थे कि सरकार से समझौता किसानों के हित में किया गया है। अब वह नाराज दिख रहे हैं। मुआवजा को जान की कीमत बताने वालों को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा है कि जो लोग मुआवजा के 45 लाख रुपये की बात कर रहे हैं, तो वह अपना बैंक खाता नंबर दे दें। किसान परिवार की ओर से उनके बैंक खाते में पैसा भिजवा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसानों का जो समझौता सरकार से हुआ है, उसमें मंत्री पुत्र की गिरफ्तारी की बात भी शामिल है। उस समय समझौता इसलिए कराया गया था कि शवों का अंतिम संस्कार कराया जा सके। लेकिन अगर सरकार मंत्री पुत्र की गिरफ्तारी नहीं करती है तो सात दिन बाद बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
प्रियंका ने भाजपा कार्यकर्ताओं के घर जाने का भी मुद्दा उठाया
लखीमपुर कांड में भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ता भी मारे गए हैं। प्रियंका गांधी ने गुरुवार को उनके परिवारीजनों के दुख में शामिल होने का मामला भी उठाया। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि वह भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवारीजनों से भी मिलना चाहती हैं। लेकिन आईजी पुलिस ने मना कर दिया। आईजी ने उन्हें बताया है कि भाजपा कार्यकर्ता के परिवारीजन उनसे नहीं मिलना चाहते हैं।
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