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Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर हिंसा पर बीजेपी का बड़ा सियासी दांव, हिंसा में मारे गए कार्यकर्ताओं के घर पहुंचे मंत्री बृजेश पाठक
Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर हिंसा को लेकर बीजेपी भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी हो गयी है। हिंसा में मारे गए दो कार्यकर्ताओं के परिवार से मिलने मंत्री बृजेश पाठक पहुंचे।
Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Kheri Hinsa) को लेकर बीजेपी (BJP) भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी हो गयी है। हिंसा में मारे गए दो कार्यकर्ताओं के परिवार से मिलने मंत्री बृजेश पाठक (Brajesh Pathak) पहुंचे। मंत्री ब्रजेश पाठक ने मृत हरिओम मिश्र (Hariom Mishra) और शुभम मिश्रा (Shubham Mishra) के परिवार से मुलाक़ात कर उनका दर्द बांटा। उन्हें हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया। बता दें तिकोनिया हिंसा (Tikonia Violence) के बाद पहली बार कोई बीजेपी नेता (BJP Neta) हिंसा में मारे गए अपने कार्यकर्ताओं के घर पहुंचा है।
बीजेपी का नया दांव
लखीमपुर हिंसा को लेकर अब बीजेपी नया सियासी दांव (BJP Ka Dav) चल रही है। एक तरफ जहां उनके कार्यकर्ताओं की मौत (BJP Karyakartaon Ki Maut) का कोई जिक्र नहीं कर रहा तो वहीं अब बीजेपी खुद अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी हो गई है। हिंसा भड़कने के बाद आक्रोशित किसानों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या (BJP Karyakartaon Ki Hatya) कर दी थी। जिसके बाद यूपी के ब्राम्हण नेता और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक दोनों कार्यकर्ताओं के घर पहुंच कर यह संदेश दे दिया है की वह अपने कार्यकर्ताओं के पीड़ित परिवार को अकेला नहीं छोड़ने वाली है। वह उनके साथ खड़ी है। ॉ
दरअसल, जिस तरह से लखीमपुर में किसानों की मौत (Kisano Ki Maut) को लेकर विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है तो वहीं बीजेपी भी अब अपने कार्यकर्ताओं की मौत का भी मुद्दा उठा रही है। इसके दो पहलू हैं, पहला यह कि हिंसा में मारे गए लोग बीजेपी के कार्यकर्ता थे, दूसरा उत्तर प्रदेश की सियासत में ब्राह्मण वोटों (Brahmin Vote Bank) को रिझाने के लिए भी सभी दल जोर आजमाइश में लगे हैं। बीजेपी ने भी अब इस मामले में अपना सियासी स्टंट (BJP Ka Siyasi Stunt) शुरू कर दिया है।
एक तरफ जहां वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा होकर यह संदेश दे रही है कि उनके दर्द में पार्टी उनके साथ है, तो दूसरा ब्राम्हण वोटरों को भी यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वह उनके समाज की सच्ची हितैषी है। यही वजह है कि भारी विरोध के बावजूद अभी तक मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Kumar Mishra) का पार्टी आलाकमान (BJP High Command) ने इस्तीफा नहीं लिया है। जिसका मुद्दा विपक्ष और किसान नेता बनाए हुए हैं।
लखीमपुर में ब्राह्मणों की अच्छी खासी संख्या
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है, वहां सिक्ख वोटरों की तादाद कम है, इस लिहाज से भी पार्टी अब बैकफुट पर जाने को तैयार नहीं है। भाजपा ब्राह्मण मतदाताओं को लेकर लड़ाई पूरी तरह से लड़ेगी।
कल लखीमपुर में हुआ था किसानों का अंतिम अरदास
कल यानी मंगलवार को लखीमपुर हिंसा में मारे गए चारों किसानों की आत्मा की शाँति के लिए अंतिम अरदास (Antim Ardas) का आयोजन किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में किसानों के साथ प्रियंका गांधी, किसान नेता राकेश टिकैत, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ ही पंजाब के तमाम किसान नेता शामिल हुए थे। इस श्रद्धांजलि सभा में एक बार फिर से किसानों की मौत का मुद्दा उठाते हुए मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे (Ajay Kumar Mishra Ka Istifa) की मांग की गई थी।
राकेश टिकैत ने कहा अगर मंत्री इस्तीफा नहीं देंगे तो यह आंदोलन पूरे देश में होगा। इसके बाद आज मंत्री बृजेश पाठक ने अपने कार्यकर्ताओं के घर पहुंच कर कहीं न कहीं यह संदेश दे दिया है कि वह पार्टी ने भी इसी समय अपने दो कार्यकर्ताओं को खोया है। वह उनके साथ पूरी तरह से खड़ी हुई है।
बृजेश पाठक ने किया ये ट्वीट (Brajesh Pathak Tweet)
लखीमपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों से मुलाक़ात के बाद मंत्री बृजेश पाठक ने ट्वीट में कहा "जनपद लखीमपुर खीरी में घटित हुई घटना अत्यंत दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण। घटना में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता स्व हरिओम मिश्र जी के परिजनों से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की एवं श्रृद्धांजलि अर्पित की उनके माता पिता के स्वास्थ्य का कुशलक्षेम जाना
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