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राकेश टिकैत का बड़ा बयान: BJP कार्यकर्ताओं की हत्या करने वाले अपराधी नहीं, एक्शन का रिएक्शन थी यह घटना
Lakhimpur Kheri Violence : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना को लेकर बड़ा बयान दिया है।
Lakhimpur Kheri Violence : लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की लिंचिंग को वे गलत नहीं मानते।
उन्होंने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले लोगों को अपराधी नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह एक्शन का रिएक्शन था। टिकैत ने कहा कि किसी तरह की साजिश रच कर इस घटना को अंजाम नहीं दिया गया था। इसलिए मैं इसे गलत नहीं मानता।
लोगों के गुस्से को जायज ठहराया
भाकियू नेता ने शनिवार को कहा कि लखीमपुर खीरी में किसान प्रदर्शनकारियों पर एसयूवी चढ़ाए जाने के बाद मौके पर मौजूद लोगों का गुस्सा जायज था। एसयूवी चढ़ाए जाने की घटना की प्रतिक्रिया में भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या की घटना को अंजाम दिया गया। संवाददाताओं की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में टिकैत ने यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि एसयूवी से रौंदकर 4 किसान प्रदर्शनकारियों को मार डाला गया। इस घटना से प्रदर्शनकारियों में जबर्दस्त गुस्से की भावना घर कर गई और उन्होंने जवाबी हमला बोल दिया जिसमें दो भाजपा कार्यकर्ता और एसयूवी ड्राइवर मारे गए।
उन्होंने कहा कि किसान प्रदर्शनकारियों की ओर से की गई यह कार्रवाई एक्शन का रिएक्शन थी और मैं इस घटना में शामिल प्रदर्शनकारियों को अपराधी कतई नहीं मानता।
केंद्रीय मंत्री पर कार्रवाई की मांग
दूसरी ओर किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना में लोगों की मौत दुख पहुंचाने वाली है। उन्होंने कहा कि हमें इस घटना पर बेहद दुख है। चाहे वह मौत भाजपा कार्यकर्ताओं की हो या किसान प्रदर्शनकारियों की।
उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस मामले में इंसाफ किया जाना चाहिए। किसान नेताओं ने मांग की कि इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
योगेंद्र यादव ने मांग की कि अजय मिश्रा को तत्काल केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने इस घटना की साजिश रचने के साथ ही दोषियों को बचाने की भी कोशिश की है। पूरे घटनाक्रम में उनकी संलिप्तता उजागर हो चुकी है। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं और इसके खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए 15 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका जाएगा।
सियासी रूप से गरमाया मामला
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में 3 अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध करने के लिए जुटे किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटना हुई थी। इस घटना में 4 किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी।
थार जीप चढ़ाए जाने से किसानों की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा भी भड़क उठा था और उसके बाद हुई हिंसा में चार और लोग मारे गए थे। इनमें दो भाजपा कार्यकर्ता, थार जीप का ड्राइवर और एक मीडिया कर्मी शामिल था।
अब यह मामला सियासी रूप से भी काफी गरमा चुका है और विभिन्न सियासी दलों ने भाजपा के खिलाफ इसे लेकर बड़ी मुहिम छेड़ दी है। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार इस मामले में दोषियों को बचाने में जुटी हुई है।