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Lakhimpur Kheri Violence: अंत्येष्टि मांगे पूरी होने पर अड़े किसान, टिकैत के साथ प्रशासन की वार्ता विफल

Lakhimpur Kheri Violence: राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों के साथ प्रशासन की वार्ता विफल हो गई है। इस जगह अभी तक लगभग पांच हजार किसान मौजूद हैं। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं पूरी की जाएगी तब तक मृतकों की अंत्येष्टि नहीं की जाएगी।

Sharad Awasthi
Report Sharad AwasthiPublished By Shreya
Published on: 4 Oct 2021 7:38 AM GMT
Lakhimpur Kheri Violence: अंत्येष्टि मांगे पूरी होने पर अड़े किसान, टिकैत के साथ प्रशासन की वार्ता विफल
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लखीमपुर तिकोनिया-निघासन अपडेट (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी में किसानों का दो जगह मोर्चा खुल गया है। एक तो तिकोनिया चौराहा जहां लगभग पांच हजार किसान मौजूद हैं। यहां आंदोलनकारियों का नेतृत्व किसान नेता राकेश सिंह टिकैत (Rakesh Tikait) कर रहे हैं। किसानों की पुलिस प्रशासन से चल रही वार्ता विफल हो गई है। किसानों की मांग है कि प्रत्येक मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए इसके अलावा दोषी केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को गिरफ्तार किया जाए तभी मृतकों की अंत्येष्टि की जाएगी।

आधिकारिक तौर पर अब तक आठ लोगों के मरने की पुष्टि की जा चुकी है लेकिन किसानों का दावा है कि उनके छह लोग अभी लापता हैं जबकि प्रशासन का कहना है कि घायलों का इलाज चल रहा है कोई लापता नहीं है। प्रशासन का यह भी कहना है कि मामले की जांच की जा रही है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन किसान प्रशासन की बात मानने को तैयार नहीं हैं।

(फोटो साभार- ट्विटर)

टिकैत के साथ प्रशासन की वार्ता विफल

तिकोनिया में टिकैत के नेतृत्व में किसानों के साथ प्रशासन की वार्ता विफल हो गई है। इस जगह अभी तक लगभग पांच हजार किसान मौजूद हैं। घटनास्थल पर तनावपूर्ण शांति छायी हुई है। भारी मात्रा में पुलिस बल किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए मुस्तैद है। अब तक चार लोगों के शव आ चुके हैं जिन्हें लेकर उनके घर वाले अपने घरों में बैठे हैं।

उधर पत्रकार रमन कश्यम के शव को रखकर निघासन में चौराहा जाम कर दिया गया है। लोगों की मांग है कि रमन कश्यप की पत्नी को सरकारी नौकरी व मुआवजा दिया जाए एवं उसके बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च सरकार वहन करने की जिम्मेदारी ले। एक और पत्रकार सुरजीत सिंह चानी जो कि लापता बताए जा रहे थे उनको भी चोटें आई हैं उनका इलाज चल रहा है। न्यूजट्रैक के पत्रकार शरद अवस्थी को भी कल की हिंसा में चोटें आई हैं। लेकिन वह जान हथेली पर रखकर रिपोर्टिंग में जुटे हैं।

फिलहाल स्थिति यह है कि किसान इस केस में आशीष मिश्रा की गिरफतारी होने तक शवों का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े हुए हैं। लखीमपुर खीरी में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे सहित 14 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रशासन जांच पूरी होने के बाद गिरफ्तारी की बात कह रहा है।

सुरजीत की आपबीती

हादसे के शिकार पत्रकार सुरजीत सिंह चानी ने न्यूजट्रैक को फोन पर बताया कि किसान विरोध प्रदर्शन के लिए जमा थे लेकिन तबतक खबर आई कि केशव प्रसाद मौर्य का रुट चेंज हो चुका है। इसलिए सभी किसान वापस लौटने लगे। तभी अचानक तेज रफ्तार से थार और इनोवा गाड़ियां बहुत तेजी से आईं और किसानों को कुचलते हुए निकल गईं जिसमें मैं भी जख्मी होकर गिर पड़ा।

सब कुछ इतना अचानक हुआ कि किसी के पास इतना समय नहीं मिला कि देख पाते गाड़ी में कौन था। इसके बाद थॉर गाड़ी थोड़ा आगे जाकर खायी में पलट गई और उसमें आग लग गई जबकि इनोवा निकल गई। हादसे के बाद कोहराम मच गया। इस बीच कुछ लोग आकर मारपीट करने लगे। किसी तरह से जान बचाकर वहां निकल पाया।

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Shreya

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