Lakhimpur Kheri Violence: बड़े आंदोलन की तैयारी, कार्रवाई से किसान नेता संतुष्ट नहीं, ट्रेनों का रोकेंगे आवागमन

Lakhimpur Kheri Violence : संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर कांड मामले में प्रदेश सरकार की ओर से की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shraddha
Published on: 9 Oct 2021 12:40 PM GMT
लखीमपुर कांड के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी
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लखीमपुर कांड के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

Lakhimpur Kheri Violence : लखीमपुर खीरी कांड को लेकर किसानों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha) इस मामले में प्रदेश सरकार की ओर से की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। किसान मोर्चा को सरकार की न्यायिक और एसटीएफ जांच पर भी भरोसा नहीं है। किसान नेताओं ने लखीमपुर कांड को लेकर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहा (Joginder Singh Ugrahan) ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ हिंसक तरीका अपनाया गया है मगर हम हिंसा के रास्ते पर नहीं जाएंगे। किसान नेताओं की मांग है कि लखीमपुर में हुई हिंसा की घटना को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया जाए।

किसान नेताओं ने केंद्रीय मंत्री को पद से हटाने की भी मांग की है। लखीमपुर कांड को लेकर किसानों ने बड़ा आंदोलन छेड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार की ओर से उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं है और इस घटना के खिलाफ 15 अक्टूबर यानी दशहरा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पुतला फूंका जाएगा। लखीमपुर में हुई घटना के खिलाफ 18 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन छेड़ने की घोषणा की गई है। 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत का आयोजन करके सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी।

दोषियों को बचाने की हो रही कोशिश

संयुक्त किसान मोर्चा (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि सरकार के रुख से पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है कि वह लखीमपुर कांड के दोषियों को बचाने की कोशिश में जुटी हुई है। अभी तक इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सरकार इस मामले में लीपापोती करने की कोशिश में जुटी हुई है । इसी कारण मोर्चा ने बड़ा आंदोलन छेड़ने की तैयारी की है। 12 अक्टूबर को तिकुनिया गांव में अरदास का कार्यक्रम आयोजित किया गया है । इस दौरान आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लखीमपुर हिंसा के सिलसिले में सुमित जायसवाल, अंकित दास और अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जानी चाहिए थी । मगर अभी तक पुलिस ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। बयान में 12 अक्टूबर को शहीद किसान दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा भी की गई है।

पीएम मोदी और शाह का फूकेंगे पुतला


किसान पीएम मोदी और शाह का फूकेंगे पुतला (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

किसान नेता उमराहा का कहना है कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की जानी चाहिए क्योंकि पूरे घटनाक्रम से साफ होता है कि वे इस पूरे मामले में शामिल रहे हैं। किसान नेता योगेंद्र यादव ने भी मांग की है कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री को पद से हटाकर उनकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लखीमपुर में हुई घटना काफी गंभीर मामला है। इस घटना के संबंध में सरकार की ओर से अभी तक उचित कदम नहीं उठाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने इस घटना के विरोध में बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है। किसान 15 अक्टूबर को दशहरा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला जलाकर हिंसा की इस घटना के खिलाफ अपना विरोध जताएंगे। 18 अक्टूबर को ट्रेनों का आवागमन ठप किया जाएगा ताकि सरकार के कानों तक किसानों की आवाज पहुंच सके।

लखनऊ महापंचायत में दिखाएंगे ताकत (Lucknow Me Mahapanchayat)

किसान नेताओं ने कहा कि लखीमपुर की घटना से पूरी तरह साफ है कि इसकी साजिश पहले ही रची गई थी। हमलावरों की ओर से किसानों को आतंकित करके उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई । मगर किसान अब किसी के आगे झुकने वाले नहीं हैं। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि इस मामले में सरकार ने लचर रवैया अपनाया है । सरकार के इस रवैए के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए 26 अक्टूबर को लखनऊ में किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस महापंचायत में देश के अन्य हिस्सों से भी किसान जुटेंगे और लखीमपुर की घटना के खिलाफ एकजुटता दिखाकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।

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