लखीमपुर में कहीं पलटा ट्रक तो कहीं तटबंध टूटने से कई गांव हुए बाढ़ से प्रभावित

Lakhimpur News: दुधवा टाइगर रिजर्व में गौरीफंटा मार्ग पर एक ट्रक के पलट जाने से जाम लग गया। वहीं, दूसरी ओर सुहेली बैराज का फाटक न खोलने के कारण नदी पर बना तटबंध ग्राम घोला व बुद्धापुरवा के पास टूट गया।

Sharad Awasthi
Report Sharad AwasthiPublished By Deepak Kumar
Published on: 19 Aug 2021 5:56 PM GMT
Two incidents in Lakhimpur
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सुहेली बैराज तटबंध।

लखीमपुर: लखीमपुर में एक साथ दो घटनाएं सामने आई। एक तरफ जहां दुधवा टाइगर रिजर्व में गौरीफंटा मार्ग पर एक ट्रक के पलट जाने से जाम लग गया। वहीं, दूसरी ओर सुहेली बैराज का फाटक न खोलने के कारण नदी पर बना तटबंध ग्राम घोला व बुद्धापुरवा के पास टूट गया। जिसके कारण क्षेत्र के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं और गन्ने की फसल डूब गई है।

आपको बता दें कि दुधवा टाइगर रिजर्व में गौरीफंटा मार्ग पर एक ट्रक के पलट जाने से जाम लग गया। कई घंटे बाद ट्रक को हटाकर जाम खुलवाया जा सका। इस दौरान तमाम वाहन जाम में फंसे रहे। दुधवा-गौरीफंटा मार्ग पर सड़क के किनारे बनी पटरी पर सोलिंग नहीं लगी है।

दलदली मिट्टी में फंसकर पलटा ट्रक

ठेकेदार ने सड़क बनाते समय केवल मिट्टी डाल दिया था। बारिश में यह मिट्टी दलदल बन गई है। मार्ग से गुजरने वाले वाहन जब एक दूसरे को क्रास करने के लिए साइड लेते हैं तो अक्सर भारी वाहन दलदल में फंसकर पलट जाते हैं। बुधवार की रात भी यही हुआ। रात करीब 11 बजे एक ट्रक गौरीफंटा जाते समय मार्ग पर दलदली मिट्टी में फंसकर पलट गया जिससे मार्ग अवरुद्ध हो गया। आने जाने वाले वाहन इधर उधर रुक गए और देखते ही देखते जाम लग गया। सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए और वाहन चालकों को मजबूरी में रात जंगल में गुजारनी पड़ी। गुरुवार की सुबह वन विभाग व पुलिस ने मिलकर पलटे ट्रक को किसी तरह हटवाकर जाम खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन उसमे काफी समय लग गया और दोपहर को जाकर किसी तरह ट्रक को हटाया जा सका और आवागमन शुरु हो पाया।


कई घंटे लगा रहा जाम

इस दौरान कई घंटे जाम लगा रहा और दर्जनों वाहन उसमे फंसे रहे। कुछ बाइक चालक नेपाली यात्रियों से पैसा लेकर उन्हें नेपाल तक ले जाते देखे गए। गौरीफंटा पुलिस ने बताया कि देर रात की घटना होने की वजह से पलटे वाहन को हटाया नहीं जा सका था लेकिन आज दिन में उसे हटवाकर आवागमन सुचारु करा दिया गया है।

सुहेली बैराज का फाटक न खोलने से तटबंध टूटा

वहीं, लखीमपुर वन विभाग की हठधर्मिता के कारण पोंगरा नाले की पुलिया टूटने से करीब 40 गांवों के आदिवासियों दिक्कत उठानी पड़ रही है। इसके बाद अब सिंचाई विभाग की लापरवाही से सुहेली बैराज का फाटक न खोलने के कारण नदी पर बना तटबंध ग्राम घोला व बुद्धापुरवा के पास टूट गया। जिसके कारण क्षेत्र के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं तथा गन्ने की फसल डूब गई है। विभाग की इस हठधर्मिता से किसानों को लाखों का नुकसान हुआ है।

सुहेली नदी पर तिकोना फार्म के आगे बने बैराज का फाटक कई दिनों से बंद कर रखा है। नदी के उफनाने के बाद भी उसे खोला नहीं गया। नतीजा यह हुआ कि तटबंध पानी के दबाव को झेल नहीं सका और दो जगह से टूट गया। जिसके कारण क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया। कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं और उनका आवागमन बंद हो गया है। हजारों एकड़ गन्ने की पसलों में बाढ़ का पानी भर गया है।


ये ग्राम हुए प्रभावित

बाढ़ से ग्राम घोला,अंबेडकर नगर, नया गांव, देवीपुर, मुजहा, बेलहिया, अतरनगर, बेला कला, बुद्धापुरवा, मलिनिया, बबौरा व खैरहना बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मार्गो पर पानी भर जाने से ग्रामीणों को निकलने में काफी असुविधा हो रही है। ग्रामीणों ने सुरहेली बैराज का फाटक खोले जाने की मांग की है।

ग्रामीणों के सहयोग से तटबंध की कराई मरम्मत

खास बात यह है कि इससे कुछ दिन पहले भी बुद्धापुरवा के पास तटबंध टूट गया था। उस समय भी बैराज का फाटक न खोलने के कारण तटबंध टूटा था। हालांकि प्रशासन ने उस समय ग्रामीणों के सहयोग से तटबंध की मरम्मत करा दी थी और बैराज का फाटक भी खुलवा दिया था लेकिन सिंचाई विभाग के कर्मियों ने फिर से फाटक को बंद कर दिया था और पानी बढऩे के बाद भी फाटक न खोलने की उनकी जिद्द के कारण तटबंध फिर से टूट गया और ग्रामीणों को बाढ़ का सामना करना पड़ा।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस संबंध में उपजिलाधिकारी डॉ.अमरेश कुमार ने बताया कि तटबंध टूटने से बाढ़ की स्थिति जरुर बन गई थी लेकिन अब पानी निकल रहा है और हालत सामान्य हो रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित फसलों का सर्वे करने के लिए राजस्व कर्मियों को कह दिया गया है। सर्वे के बाद जो फसल खराब होगी उसका मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बैराज का फाटक खुलवा दिया गया है।

Deepak Kumar

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