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Lakhimpur Violence: यूपी में तीन IPS का ट्रांसफर, लखीमपुर तिकोनियां कांड की गाज गिरी IPS विजय ढुल पर, किए गए प्रतीक्षारत

सरकार ने यूपी में तीन आईपीएस (IPS) को इधर से उधर किया है। आईपीएस अमित कुमार आनंद को मुरादाबाद से लखनऊ कमिशनरेट भेजा है। वहीं, लखीमपुर खीरी के एसपी विजय ढुल पर शासन की गाज गिरी है।

Sandeep Mishra
Report Sandeep MishraPublished By aman
Published on: 12 Nov 2021 10:44 AM IST
Lakhimpur Tikoniya violence case Action on FIR Supreme court SIT team claims to have arrested two accused
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लखीमपुर हिंसा। 

Lakhimpur Kheri Violence: सरकार ने यूपी में तीन आईपीएस (IPS) को इधर से उधर किया है। आईपीएस अमित कुमार आनंद को मुरादाबाद से लखनऊ कमिशनरेट भेजा है। वहीं, लखीमपुर खीरी के एसपी विजय ढुल पर शासन की गाज गिरी है। उन्हें लखीमपुर खीरी एसपी के पद से हटाकर प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है।उनके स्थान पर आईपीएस संजीव सुमन को लखनऊ कमिशनरेट से लखीमपुर खीरी का एसपी बनाकर भेजा गया है।

आईपीएस विजय ढुल पर क्यो गिरी शासन की गाज

गत तीन अक्तूबर को लखीमपुर तिकोनियाँ का चर्चित हिंसा कांड हुआ था।इस दिन ही सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र के गांव बनवारीपुर में मंत्री द्वारा आयोजित एक दंगल के कार्यक्रम में पहलवानों को पुरुष्कार वितरण के लिये जाना था।लगभग डेढ़ बजे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लखीमपुर जिला मुख्यालय पर योजनाओं का शिलान्यास कार्यक्रम खत्म कर मंत्री अजय मिश्र के साथ उनके गांव बनवारीपुर के लिये रवाना हुए।इस बीच एलआईयू ने अपनी रिपोर्ट दी कि मंत्री के गांव जाने वाले रास्ते पर भारी संख्या में स्थानीय किसान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिये खड़े हैं।एलआईयू की इस रिपोर्ट के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मंत्री अजय मिश्र के गांव में जाने का अपना कार्यक्रम निरस्त कर दिया और बीच रास्ते से वापस लखनऊ लौट गए।इस पूरे घटनाक्रम को लखीमपुर खीरी के एसपी विजय ढुल ने काफी गम्भीरता से नहीं लिया था।जिसे बाद ने हिंसा की बहुत बड़ी घटना घट गई।

एलआईयू की रिपोर्ट पर गम्भीर नही हुए एसपी

बताया यह गया है कि एलआईयू की इस रिपोर्ट को एसपी लखीमपुर खीरी विजय ढुल ने कतई गम्भीरता से नहीं लिया था।यहां तक कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अपने कार्यक्रम को निरस्त कर बीच रास्ते से वापस लखनऊ लौट जाने के बाद भी एसपी विजय ढुल ने मौके पर जाकर हालतों की समझने का भी कोई पर्याय नहीं किया।यह बाद तब शासन की नजर में आयी जब लखीमपुर तिकोनियाँ में हिंसा की घटना घट जाने के बाद शासन ने एडीजी एलओ प्रशांत कुमार को मौके पर हालतों को समझने के लिये लखनऊ से लखीमपुर तिकोनियाँ भेजा।जब एडीजी एल ओ ने मौके पर पहुंच कर हालातो की गम्भीरता को समझा और यह समझा कि एसपी लखीमपुर खीरी चाहते तो समय रहते किसानों को समझा बुझा कर उन्हें शांत कराने का प्रयास भी कर सकते थे, जो एसपी के स्तर से कतई नहीं किये गए थे।जब एलआईयू ने एसपी को यह भी खुफिया जानकारी दे दी थी की जिस रास्ते पर किसान खड़े हैं उस रास्ते से मंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी का काफिला गुजरा तो हिंसा भड़कना तय है उसके बाद भी एसपी ने मंत्री पुत्र आशीष मिश्र व उसके काफिले को उस रास्ते से जाने से नहीं रोका।शासन ने यह माना कि लखीमपुर तिकोनियाँ की हिंसा में एसपी विजय ढुल ने घोर लापरवाही का सबूत दिया है इसलिए इस बार शासन ने उनका ट्रांसफर कर प्रतीक्षा सूची में लटका दिया है।



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aman

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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