UP Election 2022: अजय मिश्र टेनी का राजनीतिक भविष्य तय करेगा लखीमपुर खीरी का चुनावी परिणाम

UP Election 2022: निघासन में अजय मिश्रा टेनी की साख दांव पर लगी हुई है। यदि इस क्षेत्र में भाजपा को नुकसान होता है तो फिर अजय मिश्र टेनी की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।

Shreedhar Agnihotri
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Published on: 22 Feb 2022 8:06 AM GMT
UP Election 2022: अजय मिश्र टेनी का राजनीतिक भविष्य तय करेगा लखीमपुर खीरी का चुनावी परिणाम
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अजय मिश्र टेनी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

UP Election 2022: यूपी विधानसभा के चौथे चरण में होने वाले चुनाव के नौ जिलों में एक जिला ऐसा भी है जहां के चुनाव परिणाम को लेकर विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष तक की निगाह लगी है। पिछले विधानसभा चुनाव में भले ही लखीमपुर जिले (Lakhimpur) की आठ सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा हो पर इस बार केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) के पुराने विधानसभा क्षेत्र निघासन (Nighasan) के साथ ही अन्य आसपास की सीटों पर जबरर्दस्त चुनावी घमासान देखने को मिल रहा है। लखीमपुर खीरी की आठ विधानसभा सीटों में मोहम्मदी, गोला गोरखनाथ, कास्ता, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन, धौरहरा और पलियाकला शामिल हैं।

पिछले साल जब मोदी सरकार (Modi Government) ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो उन्होंने इस क्षेत्र सांसद अजय मिश्र उर्फ टेनी को ब्राम्हण चेहरे के तौर पर अपनी सरकार में जगह दी। तब तराई इलाके में किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा था, मगर किसानों पर जीप चढाने की घटना में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे का नाम आने से इस बार स्थितियों में बदलाव आया है।

पूरे क्षेत्र में भाजपा से नाराजगी की बात होने के दावे किए जा रहे हैं। टेनी चुनावी समर में मुद्दा बन गए हैं। इस इलाके में करीब 18 हजार वोटर सिख समुदाय है, जो दो धड़ों में बंट गया है। अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की विपक्ष मांग करता रहा है। पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोेदी ने ब्राम्हणों की नाराजगी से बचने के लिए अबतक उन्हे मंत्रिमंडल में बनाए रखा है।

अजय मिश्रा टेनी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

लखीमपुर की सियासत गर्म

पर अब जब विधानसभा का चुनाव हो रहा है तो इसे लेकर लखीमपुर की सियासत गर्म है। निघासन में अजय मिश्रा टेनी की साख दांव पर लगी हुई है। यदि इस क्षेत्र में भाजपा को नुकसान होता है तो फिर अजय मिश्र टेनी की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। इस पूरे क्षेत्र पर समाजवादी पार्टी की पैनी निगाह लगी है। किसानों के मुद्दे को लेकर सपा के साथ बसपा भी मेहनत कर रही है।

लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में भाजपा का दबदबा है। यहां की 8 सीटों में आठों भाजपा के पास है। हालांकि इस बार 2017 की जीत दोहराना भाजपा के लिए आसान नहीं दिख रहा। अजय मिश्र टेनी की पुरानी विधानसभा सीट निघासन की इस लड़ाई को बसपा ने त्रिकोणीय बना दिया है। 2002 में निघासन से विधायक रहे आर ए उस्मानी बसपा के उम्मीदवार हैं।

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