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वरूण गांधी ने किसानों के लिए सरकार से उठाई ये मांगे, सीएम योगी को लिखा पत्र

भाजपा सांसद वरुण गांधी ने किसानों को राहत देने के लिए रविवार को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 13 Sept 2021 10:23 AM IST (Updated on: 13 Sept 2021 10:51 AM IST)
वरूण गांधी ने किसानों के लिए सरकार से उठाई ये मांगे, सीएम योगी को लिखा पत्र
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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए राहत की मांग करते हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने रविवार को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। इस पत्र में वरुण गांधी ने गन्ने के दामों में वृद्धि करने, गेहूं और धान की सरकारी खरीद पर बोनस देने, प्रधानमंत्री किसान योजना की राशि दोगुनी करने और डीजल पर सब्सिडी देने की मांग उठाई है। देश भर में नए कृषि कानून और कई अन्य मांगों को लेकर किसान कई महीने से आंदोलन कर रहे हैं। जिस पर अब वरुण गांधी ने आवाज बुलंद की है।

यूपी के पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने किसानों के मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। जिसमें वरुण गांधी ने कई मांग उठाई है। साथ ही उन्होंने सीएम योगी को लिखे पत्र में ट्वीट करते हुए ये उम्मीद जाहिर की है कि भूमिपुत्रों की बात सुनी जाएगी। अपने पत्र में वरुण गांधी ने सीएम योगी से ये मांग की है कि गन्ने के दामों में बढ़ोत्तरी की जाए।

किसान प्रदर्शन (फोटो- सोशल मीडिया)

ये की मांगें

वरुण गांधी ने पत्र में मांग की गई है कि गेहूं और धान की फसल पर बोनस का एलान करने के साथ पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 6000 रुपये की सम्मान राशि को दोगुना कर 12 हजार रुपये सालाना करना चाहिए। जिसके लिए उन्होंने 6000 रुपये की धनराशि राज्य सरकार की तरफ से दिए जाने का सुझाव दिया गया है।

आगे वरुण गांधी ने अपने पत्र में कहा कि बीते दिनों उनके संसदीय क्षेत्र के किसानों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था और अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। आगे उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का जिक्र करने के साथ ही उनके समाधान को लेकर सुझाव भी दिए हैं। वहीं वरुण गांधी ने किसानों को डीजल के मूल्य पर कम से कम 20 रुपये की सब्सिडी देने की मांग की है।

इसके अलावा वरुण गांधी ने महापंचायत में इकट्ठा हुई किसानों की भीड़ का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा था, 'आज लाखों किसान विरोध के लिए मुजफ्फरनगर में जमा हुए हैं। वे हमारे अपने लोग हैं। हमें सम्मानजनक रूप से उनके साथ दोबारा बातचीत करने की जरूरत है। उनकी पीड़ा और रुख को समझते हुए सर्वमान्य हल के लिए कार्य करने की जरूरत है।'

Vidushi Mishra

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