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Rampur News: आजम खान की अपील खारिज, कभी भी तोड़ा जा सकता है जौहर यूनिवर्सिटी का मुख्य द्वार

सपा के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।

Azam Khan
Published on: 2 Aug 2021 12:45 PM GMT
Jauhar University
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जौहर यूनिवर्सिटी का गेट

Rampur News: सपा के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आजम खान की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले डेढ़ साल से अधिक के समय से सीतापुर जेल में बंद सपा नेता मोहम्मद आजम खान इस समय लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है। उधर रामपुर में आजम खान द्वारा स्थापित जौहर यूनिवर्सिटी पर संकट के बादल गहरा रहे हैं। जौहर यूनिवर्सिटी का मुख्य द्वार तोड़े जाने के आदेश के खिलाफ रामपुर जिला जज की अदालत में दायर की गई आजम खान की अपील खारिज हो गई, अब किसी भी समय प्रशासन जौहर यूनिवर्सिटी का मेन गेट गिराए जाने की कार्रवाई कर सकता है।

वर्ष 2019 में जौहर यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार को सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण के रूप में अतिक्रमण बताते हुए भाजपा के स्थानीय नेता आकाश सक्सेना (हनी) ने शिकायत की थी। इसी शिकायत के आधार पर एसडीएम सदर रामपुर की अदालत में मुकदमा चला था, जिस पर एसडीएम सदर ने जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण मानते हुए गिराए जाने के आदेश दिए थे। इन्हीं आदेशों के खिलाफ जौहर यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा रामपुर के जिला जज की अदालत में एक अपील दायर की थी, जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

इस बाबत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने बताया की जिला जज की अदालत से आजम खान की अपील खारिज हो जाने के बाद अब एसडीएम सदर द्वारा 2019 में जौहर यूनिवर्सिटी के गेट तोड़े जाने का आदेश प्रभावी हो गया है। भाजपा नेता ने जिला प्रशासन से अपील की है कि यूनिवर्सिटी के गेट को तोड़कर सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया जाए।

आकाश सक्सेना ने बताया 2019 में हमारे द्वारा एक शिकायत की गई थी। इसमें कहा गया था कि जौहर यूनिवर्सिटी का जो गेट बना हुआ है सरकारी भूमि पर है। उसकी जो सड़क है पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई है। लगभग 13 करोड़ रुपए की लागत से वह सड़क बनवाई गई थी। तत्कालीन एसडीएम पीपी तिवारी की कोर्ट में यह वाद दर्ज हुआ था। एसडीएम सदर ने गेट के विरुद्ध शिकायत को सही पाया था और गेट को तोड़ने के आदेश दिए थे। उसके बाद आजम खान और उनका पक्ष इस फैसले के अगेंस्ट डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में गया। लगभग दो वर्ष तक चली सुनवाई के बाद आज उनकी अपील को खारिज कर दिया गया है।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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