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Rampur News: ताज़ीन फातिमा का आरोप, आज़म खान के स्वास्थ्य को लेकर सरकार कर रही षड्यंत्र

सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान के स्वास्थ्य को लेकर उनकी पत्नी ताज़ीन फातिमा ने कहा है कि आज़म खान के स्वास्थ्य को लेकर सरकार षड्यंत्र कर रही है।

Azam Khan
Report Azam KhanPublished By Shashi kant gautam
Published on: 20 July 2021 1:24 AM GMT
Allegations of Tajeen Fatima, the government is conspiring for Azam Khans health
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ताज़ीन फातिमा: फोटो- सोशल मीडिया 

Rampur News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान एक बार फिर लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट कर दिए गए हैं। पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से वह सीतापुर जेल में हैं और 9 मई को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें इलाज के लिए मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया गया था।

कोरोना से स्वस्थ होने के बाद मोहम्मद आजम खान को पोस्ट कोरोना की कई तरह की स्वास्थ समस्याएं उत्पन्न हो गई। जिनका इलाज मेदांता हॉस्पिटल में चल रहा था। लेकिन 13 जुलाई को अचानक उनको मेदांता हॉस्पिटल से स्वस्थ बताते हुए डिस्चार्ज कर दिया गया और एक बार फिर उन्हें सीतापुर जेल भेज दिया गया था।

ताज़ीन फातिमा ने कहा उन्हें जेल भेजना राजनीतिक षड्यंत्र

तब उनकी पत्नी और रामपुर से नगर विधायक डॉक्टर ताज़ीन फातिमा ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए उन्हें जेल भेजने को एक राजनीतिक षड्यंत्र बताया था। अब जब उन्हें फिर अस्वस्थ होने के कारण सीतापुर जेल से मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। तो वह इस सारी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक षडयंत्र करार दे रही हैं और सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है।

मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती आज़म खान: फोटो- सोशल मीडिया

मीडिया से बात करते हुए ताज़ीन फातिमा ने कहा कि "पिछली बार जब उन्हें डिस्चार्ज किया गया था उस वक्त भी आपसे कहा था कि वो पूरी तरह से सेहतमंद नही हैं और पता नहीं ऐसे कौन से हालात थे कि उन्हें सेहतमंद बताकर मेदांता हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। मेदांता के डायरेक्टर का ये बुलेटिन मैंने जब पढ़ा कि वो पूरी तरह स्वस्थ्य हैं, तो ऐसा नहीं था।

यकीनन ये कोई सियासी रंजिशें हैं- ताज़ीन फातिमा

जिस वक्त उन्हें मेदांता से डिस्चार्ज किया गया तो मैंने वीडियो में देखा था, वो व्हीलचेयर से ले जाए जा रहे थे और उनके हाथ पैर बेहद कमजोर थे, ठीक से उनसे एंबुलेंस में चढ़ा भी नहीं जा रहा था, तो उन्हें सहारा देकर चढ़ाया गया, तो मैं तो यह मानती हूं उसमें यकीनन कोई षड्यंत्र है, कोई साजिश है और यह भी राजनीति का कोई घिनौना हिस्सा है। यकीनन ये कोई सियासी रंजिशें हैं।

Shashi kant gautam

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