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Rampur News: जौहर विश्वविद्यालय की जमीन पर सरकार ने लिया कब्जा, जमींदारी उन्मूलन अधिनियम के उल्लंघन का मामला
Rampur News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान ने रामपुर में यूनिवर्सिटी कायम करने का एक सपना देखा था।
Rampur News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद मोहम्मद आजम खान द्वारा स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मोहम्मद अली जौहर नाम पर मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर आज सरकार ने अदालत के आदेश पर अमल करते हुए कब्जा कर लिया। गौरतलब है कि आजम खान के विरुद्ध 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक कार्यवाही जमींदारी उन्मूलन अधिनियम 1950 के सीलिंग के नियम के अंतर्गत थी जिसमें कोई भी व्यक्ति परिवार या संस्था साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन बिना प्रदेश सरकार की अनुमति के नहीं रख सकती है। जौहर यूनिवर्सिटी की 400 एकड़ से अधिक जमीन में से साढ़े12 एकड़ जमीन से अतिरिक्त तमाम जमीन को एडीएम प्रशासन रामपुर के आदेश के तहत सरकार के नाम दर्ज करने का फैसला आया था। जिस के विरुद्ध जौहर यूनिवर्सिटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एडीएम प्रशासन के निर्णय को बरकरार रखते हुए साढ़े 12 एकड़ से अतिरिक्त भूमि को सरकार में दर्ज किए जाने के फैसले को बरकरार रखा।
हाई कोर्ट के इसी फैसले के बाद अब रामपुर जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया और तहसील सदर रामपुर के तहसीलदार ने जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से जमीन का कब्जा सरकार के हाथ में लिए जाने के लिए नोटिस प्राप्त करने को कहा जिसे तहसीलदार सदर रामपुर के मुताबिक जौहर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने इंकार कर दिया तब नियमों के अंतर्गत तहसीलदार सदर ने 2 गवाहों की मौजूदगी में जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर सरकारी कब्जा लिए जाने की कार्रवाई पूरी की।
कार्रवाई के बाद मीडिया से रूबरू हुए तहसीलदार सदर ने बताया एडीएम प्रशासन के आदेश के अनुसार 70 हेक्टेयर यानी लगभग 14 सौ बीघा जमीन पर सरकारी कब्जा लिए जाने की कार्रवाई की गई है। वहीं इस मामले पर हमने तहसीलदार प्रमोद कुमार से बात की तो उन्होंने बताया अपर जिलाधिकारी का आदेश 70 हेक्टर भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जाये इसकी अपील हाईकोर्ट में की गई थी हाई कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया गया। आज हम क़ब्ज़ा और दखल के लिए आए थे वॉइस चांसलर ने अपने साइन करने से इंकार कर दिया अभी दो गवाहों के साइन कर क़ब्ज़ा और दखल की कार्रवाई पूरी की जायेगी इस मे दो गवाह एक प्रधान जी हैं और एक और हैं।