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खून से लिखा आजम खान की रिहाई के लिए पत्र, कौन हैं ये दलित महिला, जो राष्ट्रपति से मांग रही इच्छा मृत्यु
Rampur News: नेहा राज समाजवादी पार्टी की पूर्व नामित सभासद है और आजम खान पर जो कार्रवाई हो रही है उस को वे बदले की भावना से बता रही है और आजम खान को बेकसूर बताते हुए रिहा करने की मांग कर रही है।
Rampur News: आजम खान (Azam Khan को भगवान स्वरूप मान उनकी पूजा करने वाली रामपुर की एक दलित महिला नेहा राज ने राष्ट्रपति को अपने खून से पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। 26 मई 2019 से सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद आजम खान को रिहा किए जाने की मांग करते हुए आजम खान के साथ इंसाफ नहीं किए जाने पर इच्छा मृत्यु की मांग की है।
नेहा राज समाजवादी पार्टी की पूर्व नामित सभासद है और आजम खान पर जो कार्रवाई हो रही है उस को वे बदले की भावना से बता रही है और आजम खान को बेकसूर बताते हुए रिहा करने की मांग कर रही है। नेहा राज ने आजम खान को अपना भगवान बताया। नेहा राज ने राष्ट्रपति को अपने खून से पत्र लिखकर आजम खान को रिहाई की मांग की।
बात करें आजम खान की और वसीम रिजवी की तो वसीम रिजवी ने अपने आपको जेल से बचाने के लिए अपनाया सनातन धर्म तो वही आजम खान ने जेल जाकर बने भगवान।
जनपद रामपुर समाजवादी पार्टी के पूर्व नामित सभासद नेहा राज ने सपा सांसद आजम खान की रिहाई के लिए राष्ट्रपति को अपने खून से पत्र लिखा और आजम खान की रिहाई की मांग की।नेहा राज ने कहा राष्ट्रपति आजम खान के साथ इंसाफ करें उनको रिहा करें नहीं तो उन्होंने इच्छा मृत्यु की अनुमति दें।
वही मीडिया से बात करते हुए पूर्व नामित सभासद नेहा राज ने कहा मेरा नाम नेहा राज है और मैं दलित समाज से हूं मैंने 25 मई 2021 को देश के राष्ट्रपति महोदय को एक पत्र अपने खून से लिखा था उसमें मैंने आजम खान की रिहाई की मांग की थी। आज़म खान पिछले 2 साल से जेल में बंद है नेहा राज ने कहा आजम खां की खता यह है के उन्होंने दलित गरीब मजदूर के हाथ में कलम देने का काम किया उसकी सजा वे काट रहे हैं।
नेहा राज ने कहा मैं आजम खान को भगवान की तरह पूजती हूं मैं आजम खान पर जुल्म ज्यादती होते हुए नहीं देख सकती इसलिए मैंने राष्ट्रपति को अपने खून से पत्र लिखा है। राष्ट्रपति आजम खान के साथ इंसाफ करें या मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति दें। हम ऐसे देश में नहीं रहना चाहते हैं जिसमें लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हो रहा है मौजूदा सरकार लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है।