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Rampur News : शरारती बंदरों ने वकील के हाथ से छीन कर एक लाख रुपए उड़ाए, देखें यह वीडियो
Rampur News : रामपुर के शाहाबाद थाना क्षेत्र में कुछ शरारती बंदरो ने उछल कूद की सारी हदें पार करते हुए 1 लाख रुपए वकील के हाथ से उड़ा दिए।
Rampur News : कहते हैं के पैसा हर इंसान की जरूरत होता है और अगर कोई उसके मेहनत के पैसों को लूट ले तो उस शख्स की बेचैनी बढ़ना लाजमी है लेकिन जब ऐसे कारनामों को शरारती बंदरो के द्वारा अंजाम दिया जाए तो घटना दिलचस्प हो जाती है। जी हां रामपुर के शाहाबाद थाना (Shahabad police station) क्षेत्र में कुछ शरारती बंदरो द्वारा उछल कूद की सारी हदें पार करते हुए 1 लाख रुपए वकील के हाथ से उड़ा लिए और पेड़ पर चढ़कर नोटों को जमकर उड़ाया भी.... आइए दिखाते हैं क्या है पूरा मामला।
जनपद रामपुर (District Rampur) के शाहाबाद तहसील परिसर में वकालत करने वाले विनोद बाबू नटखट बंदर की हरकतों के चलते उस समय सकते में आ गए जब बंदरों ने पहले तो उनकी बाइक खंगाली फिर उनके हाथो से 1 लाख रुपए की रकम से भरा थैला छीन कर ले गया और पेड़ पर जाकर 50 हजार रुपए की गड्डी को सही सलामत नीचे फेंक दी। जबकि 50 हजार रुपए की दूसरी गड्डी में से पांच सौ रुपए के नोटों को हवा में उड़ाना शुरू कर दिया। आवारा बंदर की इन हरकतों को देखने के लिए पेड़ के नीचे लोगों की भीड़ जमा हो गई लेकिन बंदर अपनी करतूतों से बाज नहीं आया जिसका परिणाम यह हुआ कि वकील साहब को पांच सौ रुपये के 17 नोटों को गवाना भी पड़ गया ।
बरहाल वकील साहब को बंदर की इन हरकतों ने जरूर मायूस कर डाला है लेकिन उन्हें इस बात का भी संतोष है की अगर उनके बेटे ने सही समय पर बंदरों की करतूत पर नजर ना डाली होती तो कोई बड़ा नुकसान भी हो सकता था । आपको बताते चलें कि इन दिनों जनपद के कई हिस्सों में बंदरों के आतंक से लोगों का जीना मुहाल होता चला जा रहा है लेकिन वन विभाग के कानों पर आवारा बंदरों के झुंड पर अंकुश लगाए जाने को लेकर किसी तरह की कोई ठोस कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही है ।
पीड़ित के मुताबिक भाई साहब मेरा नाम आशीष वशिष्ठ है और मैं विनोद बाबू जी एडवोकेट का बड़ा बेटा हूं और पिताजी मेरे तहसील शाहबाद में सीनियर एडवोकेट हैं आज पिताजी मधुकर ब्रांच गए थे हमें 1 लाख रूपये का पेमेंट करना था उसके लिए पैसे निकालने गए थे तहसील में थोड़ी देर के लिए हम रुके फिर वहीं पर गेट के पास में किसी ने बंदरों के लिए खाना डाल दिया फिर वहां पर बहुत सारे बंदर इकट्ठे हो गए और पिताजी के हाथ में जो बैग था पैसों का थैला लेकर हमारा भाग गए जिसमें से दो पचास हजार की गड्डियां थी एक गड्डी तो नीचे गिरा दी और दूसरी गड्डी उसने खोल दी और उसमें से पैसे निकाल निकाल कर फेंकने लगे और उसमें से कुछ नोट फाड़ भी दिए लेकिन जैसे ही सब लोगों को पता चला सारे एडवोकेट्स को बाकी लोग जो तहसील में थे सब लोगों के सहयोग से सारा पैसा इकट्ठा हो पाया लेकिन लगभग 17 नोट कम रह गए लेकिन जितने सारे एडवोकेट हैं मैं उनका धन्यवाद कहना चाहूंगा के उन लोगों ने बहुत ज्यादा सहयोग करा पिताजी के सीनियर है उनका काफी सम्मान भी करते हैं और अच्छा उनका नाम भी है सब लोगों का दोबारा से काफी धन्यवाद के हमारे पैसे वापस लौटवाने के लिए और हमारे इतना सहयोग करने के लिए।