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UP Election 2022: पश्चिमी यूपी की इस सीट पर कायम है इनकी बादशाहत, जानिए कौन है ये शख्स
Rampur News: रामपुर विधानसभा सीट से मो. आजम खां का नाम सपा के दिग्गज नेताओं में शुमार है। मो. आजम खां रामपुर से 9 बार विधायक रहे हैं। 2017 के चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के शिव बहादुर सक्सेना को शिकस्त दी।
Rampur News: पश्चिमी यूपी (Western UP) के मुस्लिम बाहुल्य रामपुर जिला (Rampur district) एक ऐसा शहर है, जहां पर मुस्लिमों की संख्या बहुतायत है। इसी शहर की एक विधानसभा सीट रामपुर (Assembly seat Rampur) है, जहां पर मो. आजम खां (Mohd Azam Khan) को हराने की हर कोशिश की गयी लेकिन इस क्षेत्र की जनता उन्हे लगातार विधानसभा भेजने का काम करती आई है। यहां तक कि इस बार जब वह जेल में हैं फिर भी जनता की सहानुभूति उनके साथ दिख रही है और एक बार फिर जनता को आजम खां (Mohd Azam Khan) के प्रति समर्थन बढता दिख रहा है।
रामपुर सीट (Rampur Seat) एक मुस्लिम बहुल सीट मानी जाती है। इस सीट पर 3,18,714 मतदाता हैं, जिनमें 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। वहीं, गैर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी कम है। इसी वजह से इस सीट पर आज तक कोई गैर मुस्लिम प्रत्याशी भी जीत नहीं दर्ज कर सका है।
रामपुर विधानसभा सीट से 9 बार विधायक रहे हैं आजम खान
सपा (SP) के दिग्गज नेताओं में शुमार आजम खान (Mohd Azam Khan) रामपुर विधानसभा सीट (Rampur assembly seat) से 9 बार विधायक रहे हैं। 2017 के चुनाव (2017 UP Election) में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के शिव बहादुर (Shiv Bahadur of BJP) सक्सेना को शिकस्त दी। वहीं, भाजपा ने आजम खान के परिवार को जेल का सफर तय कराने में अहम भूमिका निभाने वाले वकील आकाश सक्सेना को टिकट दिया है, तो वहीं कांग्रेस ने काजिम अली खान (Congress candidate Kazim Ali Khan) को अपना उम्मीदवार बनाया है।
1977 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा आजम खान
आजम खान ने 1977 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा पर वह अपना पहला चुनाव हार गए। इसके बाद 1980 में आजम खान ने एक बार फिर जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लडा और पहली बार विधानसभा पहुंचे। इस चुनाव में उन्होंने जम खान पहली बार 1980 में जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने थे. इस चुनाव में आजम खान को 17,815 वोट मिले थे, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार मंजूर अली खान को 16,687 वोट मिले थे।
2019 में लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद बने आजम खान
1985 के विधानसभा चुनाव में वह लोकदल के टिकट पर दूसरी बार विधायक चुने गए। इस चुनाव में आजम खान को 33,380 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के अफरोज आलम को 16,367 वोट मिले थे इसके बाद जनता पार्टी टूटी तो वह लोकदल में शामिल होकर 1985 में लोकदल से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद मो. आजम खान 1989 में जब कांग्रेस के खिलाफ जनता दल की लहर चली तो वह जनता दल के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। साथ ही वह मुलायम सिंह की पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने।
इसके बाद फिर आजम खां चाहे वह 1991 की रामलहर हो अथवा 1993 में कांग्रेस की लहर हो। वह चुनाव जीतते रहे। लेकिन 1996 में वह लगातार पांच चुनाव जीतकर यह चुनाव हार गए। 1996 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया. वह 9 मार्च 2002 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। इसके बाद फिर वह 2002, 2007, 2012 और 2017 को चुनाव जीतते रहे। 9 बार विधायक रहे आजम खान 2019 में लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद भी पहुंचे । इस समय वह लोकसभा के सदस्य हैं लेकिन एक बार फिर वह विधानसभा जाने की कोशिश में है।
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