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Saharanpur Flood News: बरसाती नदी में उमड़ा जलसैलाब, कई गांवों का संपर्क कटा

Saharanpur Flood News: थाना मिर्जापुर की खवासपुर बरसाती नदी में इस वक्त जबरदस्त पानी का सैलाब उमड़ा है। बाढ़ से कई गांव का संपर्क टूट गया है।

Neena Jain
Written By Neena JainPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 16 Aug 2021 2:19 AM GMT
Flood News
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बाइक सवार को बचाते ग्रामीण pic(social media)

Saharanpur Flood News: पूरा उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) लगभग इस समय जलमग्न है। ऐसे में सरकार द्वारा राहत कार्य में एनडीआरफ और अन्य टीमें डटी हैं। ताकि बाढ़ के चलते किसी की जान न जाए और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचा दें। तलहटी में बसे सहारनपुर जनपद के घाड क्षेत्र में भयंकर जल सैलाब उमड़ आया है। खवासपुर बरसाती नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इतना ही नहीं इस पानी को पार करते समय कई मवेशी पानी की धार में ही फंस गए हैं।

पहाड़ों में बारिश और मैदान में मुसीबत यही है दांसता मैदान क्षेत्र में रहने वाले लोगों की है। जब-जब पहाड़ पर बारिश होती है शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में बसे सहारनपुर जनपद के घाड क्षेत्र में भयंकर जल सैलाब उमड़ जाता है। बरसाती नदियां पानी से लबालब हो जाती है और गांव का आपस का संपर्क मार्ग पूरी तरह से कट जाता है। संपर्क मार्ग कट जाने से सबसे ज्यादा परेशानी होती है ग्रामीणों को जिन्हें एक गांव से दूसरे गांव में जाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर कर जाना आना पड़ता है।

पानी की धार में बहते मवेशी pic(socila media)

आपको बता दें कि हालात यह हो जाते हैं कि जान से हाथ धो बैठते हैं या फिर जान खतरे में इस कदर पड़ जाती है कि दूसरे लोग रेस्क्यू कर बचा पाते हैं और मवेशी तो अक्सर पानी की तेज धार में बह जाते हैं। एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला सहारनपुर जनपद के घाड क्षेत्र में।

थाना मिर्जापुर की खवासपुर बरसाती नदी में इस वक्त जबरदस्त पानी का सैलाब उमड़ा है। एक बार फिर पहाड़ों में हो रही बारिश के चलते इस नदी में जल सैलाब आ गया है। इतना ही नहीं इस पानी को पार करते समय कई मवेशी पानी की धार में ही फंस गए हैं। जैसा कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि एक बाइक सवार भी पानी के बीच में फस गया और उसकी जान पर बन आई। ग्रामीणों ने बाइक सवार को बमुश्किल पानी में बहने से बचाया। यदि वक्त रहते इस बाइक सवार को सहायता ना मिलती तो शायद यह आज अपनी जान से हाथ धो बैठता।

लगभग यही हाल हर साल ही देखने को मिलता है। लेकिन जैसे ही बरसात खत्म होता है। ग्रामीणों की जिंदगी फिर उसी पटरी पर आ जाती है और सब भूल जाते हैं। अगर पहले से इंतजाम किए जाएं तो शायद ऐसी भवावह तस्वीर सामने न आए।

Pallavi Srivastava

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