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UP Election 2022: वोटों के जादूगर बनके आठ बार से कायम हैं इस विधायक का जलवा

UP Election 2022: शाहजहांपुर में भाजपा के सुरेश कुमार खन्ना लगातार एक ही सीट से विधानसभा का चुनाव जीतकर एक रिकार्ड बनाने को तैयार हैं। सुरेश कुमार खन्ना लगातार 1989 से चुनाव जीतते आ रहे हैं।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Deepak Kumar
Published on: 1 Feb 2022 3:20 PM GMT
BJP Suresh Kumar Khanna kept winning from Shahjahanpur by eight time
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 सुरेश कुमार खन्ना। (Social Media) 

Shahjahanpur News: कहा जाता है कि यूपी देश की राजनीति का मुख्य केन्द्र है और इस प्रदेशा में जितनी राजनीतिक समझ नेताओं के पास है उतनी ही समझ यहां की जनता भी अपने पास रखती है। ऐसे में किसी विधानसभा क्षेत्र में जनता को प्रभावित कर लगातार उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य बहुत कम विधायकों को मिल पाता है। लेकिन शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में भाजपा के सुरेश कुमार खन्ना (BJP Suresh Kumar Khanna) लगातार एक ही सीट से विधानसभा का चुनाव जीतकर एक रिकार्ड बनाने को तैयार हैं।

इसके पहले सभी दलों ने उनको हराने के लिए कई तरह के प्रयास किए पर सुरेश कुमार खन्ना (BJP Suresh Kumar Khanna) लगातार 1989 से चुनाव जीतते आ रहे हैं। सुरेश कुमार खन्ना (BJP Suresh Kumar Khanna) कल्याण सिंह की सरकार (Kalyan Singh government) के बाद भाजपा की हर सरकार में लगातार मंत्री बनते रहे हैं। पहले वर्ष 1991, 1997, 1999 और 2002 में वह राज्यमंत्री बनाए गए, जबकि 2017 के चुनाव में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के मंत्रिमंडल में उनके पास संसदीय कार्य, वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा जैसे मंत्रालय हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार (Samajwadi Party government) में वह भाजपा विधानमंडल दल के नेता भी रहे हैं।

सुरेश कुमार खन्ना ने 8वीं बार की थी जीत हासिल

पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने नगर पालिका चेयरमैन व सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां को एक रणनीति के तहत उन्हे चुनाव मैदान में उतारा पर तब भी सुरेश कुमार खन्ना (BJP Suresh Kumar Khanna) ने सपा प्रत्याशी तनवीर खां को 19,203 मतों से हराकर 8वीं बार लगातार जीत का सिलसिला जारी रखा। खत्री समुदाय (Khatri community) से ताल्लुक रखने वाले सुरेश कुमार खन्ना (BJP Suresh Kumar Khanna) लोकदल से अपना पहला चुनाव 1980 में लडा था, लेकिन उसमें उनको सफलता नहीं मिली। कांग्रेस उम्मीदवार नवाब सादिक अली खान ने उन्हें हरा दिया।

इसके बाद 1985 सहानुभूति लहर के दौरान हुए चुनाव में सुरेश खन्ना फिर मैदान में उतरे तो इस बार भी उनके सामने कांग्रेस के प्रत्याशी नवाब सिकंदर अली खान (Congress candidate Nawab Sikandar Ali Khan) ने फिर उन्हे मात दी पर इस बार मतो का अंतर मात्र 4,000 ही था। इसके बाद 1989 में जब भाजपा और जनता दल गठबन्धन के बीच चुनाव हुआ तो भाजपा उम्मीदवार के तौर पर सुरेश कुमार खन्ना ने मुस्लिम बाहुल्य सीट पर

1989 के बाद सुरेश कुमार खन्ना के आने भाजपा की झोली में गिरी सीट

नवाब सिकंदर अली (Congress candidate Nawab Sikandar Ali Khan) को हराने का काम किया। इसके बाद फिर वह शाहजहांपुर (Shahjahanpur) से लगातार चुनाव जीतते रहे। जातीय समीकरण पर गौर किया जाए तो एक अनुमान के अनुसार दलित 65 हजार यादव 45 हजार, लोध 29 हजार, ठाकुर 26 हजार, कश्यप 23 हजार, ब्राह्मण 22 हजार, तेली 19 हजार, वैश्य 18 हजार है। दिलचस्प बात यह है कि शाहजहांपुर सीट (Shahjahanpur Seat) में लगभग 37 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं और खत्री जाति के मात्र दो प्रतिशत ही मतदाता होंगे। 1952 से 1989 तक, यह सीट ज्यादातर मुस्लिम उम्मीदवार ही जीतते रहे। एक बार 1969 में भारतीय जनसंघ के उमा शंकर शुक्ला ने यहां से चुनाव जीता था। पर 1989 में सुरेश कुमार खन्ना के आने के बाद यह सीट लगातार भाजपा की झोली में है।

पिछला चुनाव सुरेश कुमार खन्ना (BJP Suresh Kumar Khanna) लगातार 8वीं बार विधायक चुने गए। उनको 1 लाख 7 हजार 34 वोट मिले हैं। उन्होंने सपा प्रत्याशी तनवीर खान 19,203 वोटों से हराया। सपा प्रत्याशी तनवीर खान को 81531 वोट मिले हैं। अब इस बार फिर वह चुनाव मैदान में उतरकर लगातार आठवीं जीत को लेकर प्रयासरत हैं।

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Deepak Kumar

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