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Etah News: सावधान यूपी वालों, इस जिले में खुलेआम बिक रही सड़ी गली मिठाईयां, खाया तो पहुँचेंगे अस्पताल
Etah News: शासन की लाख सख्ती के बाद भी दीपावली, भईया दूज के मौके पर खाद्य विभाग के संरक्षण में खुलेआम मिठाई की दुकानों से मिलावटी व सड़ी मिठाई बेची गयी।
Etah News: वैसे तो एटा जनपद के लोगों के कारनामे आय दिन चर्चा में रहते हैं, अखबारों में छपते रहते हैं। किंतु शासन की लाख सख्ती के बाद भी दीपावली भईया दूज (Bhayia Dooj) के मौके पर जिला मुख्यालय पर खाद्य विभाग के संरक्षण में खुलेआम मिठाई की दुकानों से मिलावटी व सड़ी मिठाई ( Rotten sweets) बेची गयी। इसका खुलासा तब हुआ जब एटा की देशी घी की एक प्रसिद्ध दुकान से बेची गयी मिठाई डिब्बे में फफूंदी लगी हुई निकली और दुकानर दार अपनी गल्ती मानने को भी तैयार नहीं। शिकायत पर न तो उसने मिठाई बदली और न पैसे ही वापस किये।
बता दें कि यह दुकान है एटा की प्रसिद्ध सुभाष मिष्ठान भण्डार जिसके मालिक थे विठ्ठल लाल जैन जो अब इस दुनिया में नहीं है अब उनके पुत्र इस दुकान का संचालन कर रहे हैं। उक्त मिठाई एटा के डाक्टर एनपी सिंह व प्रेमपाल सिंह चौहान नामक व्यक्ति द्वारा बीस बीस किलो मिठाई खरीदी गयी, सारी मिठाई खरीदते समय डिब्बों में पैक थी।
डिब्बे में मिठाई पर फंगस मिला
प्रेमपाल सिंह चौहान आइडियल पब्लिक स्कूल के संचालक ने बताया कि मैं प्रतिवर्ष अपनी रिश्तेदारी व स्कूल के स्टाफ को त्यौहारों पर देने के लिए सुभाष मिष्ठान भन्डार से बीस किलो मिठाई मांगाता था इस बार भी मैनें बीस किलो मिठाई मंगाई।
जिसमें से दो डिब्बे मैने आगरा अपनी रिश्तेदारी में भी भेजा, शेष अपने स्टाफ को दिये जिनमें लोगों ने मुझे बताया कि मिठाई में फंगस है तथा वह खाने में भी खराब है। तो मैने अपने पास रखे डिब्बे खोलकर देखे और उसकी खोलते समय वीडियो भी बनाई तो डिब्बे में मिठाई पर फंगस मिला उक्त मिठाई मेरे द्वारा 480 रुपये प्रतिकिलो में खरीदी गई थी।
इतनी महंगी मिठाई का जब यह हाल है तो सस्ती मिठाई कैसी होगी। वहीं उन्होंने बताया कि हमारे एक मित्र डाक्टर एन पी सिंह ने भी सुभाष मिष्ठान भंडार से पच्चीस किलो मिठाई मगाई थी उनकी मिठाई में भी फंगस तथा खराब है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे जहर बेचने वाले दुकान दारो के खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए ऐसे लोगों को जेल में भेजा जाय इन्हें बिल्कुल न बख्शा जाये।
खाने योग्य नहीं निकली मिठाई
वहीं दूसरी क्रेता मृदुला सिंह ने बताया कि हमारे यहाँ भी सुभाष मिष्ठान भन्डार से पच्चीस डिब्बा मिठाई खरीदी थी मिठाई में फफूंदी लगी हुई है यानि वह खाने योग्य नहीं है कुछ लोगों ने तो खा भी ली हम इसकी शिकायत करेंगे।
प्रेमपाल सिंह ने कहा कि खरीदी मिठाई में से कुछ डिब्बा तो हमने रिश्तेदारों के भेज दिये हम काफी शर्मिन्दगी महसूस कर रहे हैं कुछ घर पर प्रयोग के लिए रखे थे जैसे ही डिब्बा खोला गया उसमे फफूंदी लगी खराब मिठाई निकली यानी बेची गयी मिठाई सडने लगी और यह. सडी मिठाई दुकान दार दाृरा बेची जा रही थी।
हमने एक दिन पूर्व ही मिठाई दुकान से खरीदी गई थी इसमे से कुछ मिठाई खाई भी गयी है यानि उक्त मिष्ठान विक्रेता सडी फफूंदी युक्त मिठाई बेचकर आम जन मानस के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है।
वही त्यौहारों पर अच्छी और सेहतमंद मिठाई फल तथा सभी खाने की वस्तुएं बिकवाने और समय समय पर जांच करने की जिम्मेदारी खाद्य विभाग की होती है उनके द्वारा निर्मित की जा रही मिठाई की क्वालिटी चैक करने निमार्ण में प्रयोग किये जाने की वस्तुओं को चैक करने की जिम्मेदारी है किंतु वह अंधे गूंगे बहरे हुये सिर्फ निजी लाभ के चलते चुप बैठने को मजबूर हैं बैठे भी क्यों नही जनपद से लाखों की कमाई जो होती है।
एक मिठाई की दुकान चलाने वाले छोटे दुकान दार का कहना है दीपावली पर प्रत्येक दुकान दार से पांच हजार के हिसाब से वसूली हुई है और इन बडे दुकान दारों से तो एक एक लाख रुपये जाते हैं तो कार्यवाही कैसे हो सकती है हम लोगो की दुकान से उसी मिठाई का सैम्पल जाता है जो हम लोग चाहते हैं। इससे पूर्व भी एक देसी घी की दुकान पर पड़े छापे के दौरान मिठाई में देशी घी के स्थान पर रिफाइंड पाया गया किंतु मामला विभाग द्वारा ले दे कर रफा-दफा कर दिया गया ।
उपभोक्ताओं द्वारा लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले दुकानदार सुभाष मिष्ठान भंडार के मालिक के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई कर जेल भेजे जाने की मांग की है तथा उक्त दुकान दार की शिकायत जिलाधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा फूड इंस्पेक्टर से की गई है किंतु समाचार लिखे जाने तक दुकानदार के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की गई थी।
आपको बताते चलें अभी हाल ही में उक्त दुकानदार द्वारा जीटी रोड पर एक मिष्ठान की दुकान खोली गई है। जिस दुकान की कीमत एक करोड़ से अधिक बताई जाती है। दुकानदारों द्वारा किसी भी क्रेता को मांगने के बाद भी मिठाई की कोई भी पक्की रसीद नहीं दी जाती अधिकतर दुकानों पर तो उनकी रसीद बुक ही नहीं है तो वह रशीद कैसे देंगे।
जीएसटी के अधिक होने के कारण रसीद नहीं दी जाती
जबकि नियम यह है कि प्रत्येक क्रेता को दुकानदार खरीदे गए माल की रशीद देगा रसीद देने के नाम पर 18 परसेंट 30 पर्सेंट रुपये जीएसटी के अधिक देने की बात कहकर रसीद नहीं दी जाती। जो सीधे सरकार के टैक्स की चोरी है।
अब देखना है कि एटा का जिला प्रशासन इस दूषित मिठाई को बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है या उसे अभय दान देकर दूषित मिठाइयां बेचने की मुंक सहमति प्रदान करता है?
मिलावटी मिठाई से जीवन से खिलवाड़
वहीं शहर निवासी कुलदीप कुमार द्वारा इन मिष्ठान विक्रेताओं की संपत्ति तथा दिए जा रहे इनकम टैक्स सेल टेक्स की भी जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा यह देसी घी की मिठाई के नाम पर जनता से धोखा कर रहे हैं तथा मिलावटी सामान के सहारे मिठाई का निर्माण कर जनता के जीवन से भी खिलवाड़ कर रहे हैं उनकी जांच की जानी अत्यावश्यक है आखिर इनके द्वारा कुछ ही समय में लाखों करोड़ों की संपत्ति कैसे अर्जित की गई यह भी जांच का विषय है?
एटा के मुख्य खाद्य अधिकारी के के त्रिपाठी जनसंपर्क से दूर
एटा के मुख्य खाद्य अधिकारी के के त्रिपाठी से की बार सम्पर्क किये जाने के बाद भी सम्पर्क नहीं हो सका। 19 अप्रेल को भी एटा में एक युवक की शिकायत पर पुलिस व फ्रूट विभाग द्वारा नकली दूध व मावा बनाने का काफी मात्रा में सामान तथा नकली घी भी बरामद किया था किंतु उसे भी ठंडे वस्ते में दफन कर दिया गया।